यूपी में इस जिले के ये व्यापारी क्यों नहीं मनाएंगे इस बार होली? जानिए पूरा मामला
- यूपी के मेरठ जिले में सेंट्रल मार्केट में व्यापारियों ने इस बार होली नहीं मनाने का फैसला लिया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मेरठ के सेंट्रल मार्केट में बुलडोजर चलने की नौबत आ गई है। इसलिए व्यापारियों ने ऐसा फैसला लिया है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मेरठ के सेंट्रल मार्केट में व्यापारिक संस्थानों पर बुलडोजर चलने की आ रही नौबत को देखते हुए व्यापारियों ने इस बार होली नहीं मानने का निर्णय लिया है। व्यापारियों ने शासन और प्रशासन से हस्तक्षेप कर सेंट्रल मार्केट को बर्बाद होने से बचने की ही गुहार लगाई है।
सेंट्रल मार्केट आए संकट को लेकर मेन सेंटर मार्केट के अध्यक्ष जितेंद्र अग्रवाल इस वर्ष होने वाले मार्केट के होली मिलन समारोह को नहीं करने का फैसला लिया है। कहा कि यदि मार्केट का व्यापारी सकंट में तो होली मिलन कोई कार्यक्रम करना का कोई मतलब ही नहीं होता। व्यापारियों पर आये इस सकंट को टालने के लिए जो भी प्रयास किये जा सकते है, वह जारी रहेंगे। भगवान से भी प्रार्थना करते है वो ही कोई रास्ता निकाले। जिससे व्यापारियों को संकट से मुक्ति दिलाये। इसलिए निर्णय लिया है कि सेंट्रल मार्केट के व्यापारी इस बार होली नहीं मनाएंगे। जितेंद्र अग्रवाल अट्टू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सेंट्रल मार्केट में होने वाली कार्रवाई के मद्देनजर व्यापारी संकट में है। इस नाते इस बार होली नहीं मानने का निर्णय लिया गया है। महामंत्री निमित जैन ने कहा कि सेंट्रल मार्केट में व्यापारी इस बार होली नहीं मानाएंगे। कोशिश है कि व्यापारियों पर आने वाले संकट को डाला जाए, इसके लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किया जा रहे हैं।
बुलडोजर तैयार होने लगा
सेंट्रल मार्केट मामले में आवास विकास परिषद का बुलडोजर तैयार होने लगा है। अनाधिकृत निर्माणों को जमींदोज करने के लिए परिषद ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर मजिस्ट्रेट नियुक्त करने के साथ ही पुलिस बल उपलब्ध कराने की मांग की है। परिषद ने भूखंड संख्या 661/6 के साथ ही इस जैसे 350 अन्य अनाधिकृत निर्माणों को भी गिराने की जानकारी दी है। परिषद का कहना है कि इनकी नोटिस अवधि भी पूरी हो चुकी है। परिषद सोमवार को ही 661/6 कॉम्प्लेक्स पर 22 व्यापारियों के नाम का नोटिस चस्पा कर चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर 2024 को सेंट्रल मार्केट स्थित आवासीय भूखंड संख्या 661/6 पर बने अनाधिकृत निर्माण को लेकर आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने व्यापारियों को तीन महीने के अंदर परिसर खाली करने और इसके बाद परिषद को 15 दिन के अंदर अनाधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं।