Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Why did the UP Congress minority department have to be dissolved

आखिर क्यों भंग करना पड़ा यूपी कांग्रेस का अल्पसंख्यक विभाग? क्या है तैयारी

  • आखिर क्यों भंग करना पड़ा यूपी कांग्रेस का अल्पसंख्यक विभाग? यह क्या बड़े सांगठनिक बदलावों की तरफ इशारा है या बदलावों के बीच अपने-अपने पाले को मजबूत रखने की एक और कोशिश। जानकार मानते हैं कि 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिहाज से तैयारी में।

Deep Pandey लखनऊ, विशेष संवाददाताTue, 18 Feb 2025 08:38 AM
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आखिर क्यों भंग करना पड़ा यूपी कांग्रेस का अल्पसंख्यक विभाग? क्या है तैयारी

कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी द्वारा यूपी कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग को भंग करने के फैसले के राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। यूपी कांग्रेस में भी अभी लोग इस बात का आकलन ही कर रहे हैं कि आखिर यह फैसला क्यों लेना पड़ा? यह क्या बड़े सांगठनिक बदलावों की तरफ इशारा है या बदलावों के बीच अपने-अपने पाले को मजबूत रखने की एक और कोशिश। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय पहले ही प्रदेश कांग्रेस की सभी कमेटियां भंग कर चुके हैं। नई कार्यकारिणी, जिला और शहर इकाइयों पर तैनाती की कवायद चल रही है।

यूपी कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन रहे शाहनवाज आलम को प्रमोट कर बिहार कांग्रेस का प्रभारी बना दिया गया है। इसके बाद से ही अल्पसंख्यक कांग्रेस में नए अध्यक्ष की तलाश चल रही थी। इस बीच एकाएक इस पद पर नए अध्यक्ष की तैनाती के बजाय पूरी यूपी अल्पसंख्यक कांग्रेस ही भंग कर दी गई है। इसके राजनीतिक मायने तलाशने में लोग जुटे हैं। जानकार मानते हैं कि चूंकि शाहनवाज आलम यूपी कांग्रेस की पूर्व प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के समय में ही तैनात हुए थे। लिहाजा उन्हें टीम प्रियंका के विश्वस्तों में गिना जा सकता है। अब जबकि सांगठनिक फेरबदल की कवायद चल रही है तो ऐसे में अल्पसंख्यक विभाग को भंग किया जाना भी उसी बदलाव की कोशिशों से जोड़कर देखा जा सकता है। हालांकि कांग्रेस के भीतर कुछ लोग इसे एक तरह से अपनी पसंद के लोगों को जिम्मेदारी के पदों पर लाने के लिए पेशबंदी के तौर पर भी देख रहे हैं। उनका मानना है कि भंग किए जाने के बाद अब नए सिरे से अपनी पसंद के लोगों पद दिए जा सकते हैं।

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इन बदलावों में छुपा है मिशन 2027!

कांग्रेस के भीतर ही लोग मानते हैं कि हाल ही में जो सांगठनिक बदलाव किए जा रहे हैं, वे साल 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिहाज से जरूरी हैं। प्रदेश, जिला और शहर इकाइयों के गठन की प्रक्रिया चल रही है। महिला कांग्रेस में बदलाव फिलहाल प्रक्रिया में हैं। सेवा दल को तीन हिस्से में बांटने पर विचार किया जा रहा है। एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस में हाल ही में बदलाव हो चुके हैं। इसके बाद विभागों में भी बदलाव इसी कड़ी का हिस्सा हो सकते हैं। खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय भी मानते हैं कि विधानसभा चुनावों के पहले कांग्रेस के संगठन में जहां कमियां हैं, उन्हें दूर किया जाना जरूरी है ताकि पार्टी अपनी पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में जा सके।

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