कौन है सैकड़ों कारतूस ट्राली बैग में लेकर सफर करने वाली युवती, बीच में छोड़ी थी नीट की तैयारी
ट्रेन में सैकड़ों राइफल की गोलियों के साथ पकड़ी गई 20 वर्षीया मनिता सिंह वाराणसी में किराए के कमरे में रहकर नीट परीक्षा की तैयारी कर रही थी। फिर दो लड़कों से दोस्ती हुई और कारतूस सप्लाई का काम मिल गया।
वाराणसी-छपरा पैसेंजर ट्रेन में सैकड़ों जिंदा कारतूस ट्राली बैग में लेकर सफर कर रही युवती का नेटवर्क खंगालने के लिए खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। युवती से पूछताछ में पुलिस को अहम जानकारियां मिली हैं। सीओ जीआरपी ने बताया कि मिर्जापुर की निवासी करीब 20 वर्षीया मनिता सिंह वाराणसी में किराए के कमरे में रहकर नीट परीक्षा की तैयारी कर रही थी। इसी दौरान असलहा तस्करों के सम्पर्क में आ गई।
करीब दो माह पहले उसकी दोस्ती गाजीपुर जिले के करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के नसीरपुर कटरिया निवासी रोशन यादव से हुई। उसके जरिए ही वह कुछ दिनों पहले करीमुद्दीनपुर थाना क्षेत्र के बाराचवर निवासी अंकित पांडे के सम्पर्क में आई। वहीं पर उसे कारतूसों की खेप छपरा पहुंचाने का टास्क मिला था। पूछताछ में उसने बताया है कि कारतूसों को छपरा स्टेशन से बाहर मौजूद बड़ी स्ट्रीट लाइट के नीचे किसी व्यक्ति को देना था। इसी बीच, बलिया स्टेशन पर चेकिंग के दौरान उसे पकड़ लिया गया।
मनिता मिर्जापुर के राजगढ़ थाना क्षेत्र के नदिहार गांव की रहने वाली है। अभी तक उसके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। पिता सामान्य किसान हैं। उसके भाई को कुछ दिनों पहले गांजा के साथ आबकारी अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। इन दिनों जमानत पर है। मनिता किसान इंटर कॉलेज में इंटर में पढ़ती थी। सत्र-2023-24 की परीक्षा में फेल हो जाने के बाद से वाराणसी में किराए पर मकान ले कर अकेले रहने लगी। उसकी गिरफ्तारी से मां-बाप सकते में हैं।
क्षेत्र के नदिहार गांव निवासी जवाहिर सिंह चार बीघा के कास्तकार हैं। वे खेतीबारी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। एक बेटा दिलीप कुमार सिंह और तीन बेटियां हैं। मनिता सबसे छोटी है। बेटा दिलीप सिंह चार वर्ष पहले गांजा बेचने के आरोप में जेल भेजा जा चुका है।
25 दिन पहले भी पकड़ाया था 825 कारतूस
राजकीय रेलवे पुलिस ने करीब 25 दिन पहले 29 सितम्बर को भी स्थानीय रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर दो-तीन से दो असलहा तस्करों को पकड़ा था। उनके पास से कुल 825 कारतूस बरामद हुए थे। पकड़े गए तस्करों की पहचान जौनपुर जिले के सरपतहा थाना क्षेत्र के लालापुर निवासी रंजीत कुमार व उसी थाने के सुइथाकला निवासी राशिद उर्फ लल्लन के रूप में हुई थी।
उस दौरान पूछताछ में दोनों बदमाशों ने बताया था कि वह जौनपुर जिले के जुड़ापुर निवासी शुभम सिंह के कहने पर अवैध कारतूस को जौनपुर से ट्रेन के माध्यम से छपरा (बिहार) ले जाते थे। जीआरपी के अनुसार शुभम के खिलाफ सुल्तानपुर, मुजफ्फरपुर तथा दिल्ली के थानों में आर्म्स एक्ट के कई मुकदमे दर्ज हैं। पकड़े गए राशिद के खिलाफ भी जौनपुर के सरपतहा थाने में विस्फोटक अधिनियम में मुकदमा दर्ज है।
यूपी-बिहार के जिलों में कारतूस की सप्लाई!
राजकीय रेलवे पुलिस द्वारा एक माह के अंदर कारतूसों की दो बड़ी खेप बरामद करने के बाद असलहा तस्करी के बड़े नेटवर्क की सक्रियता सामने आयी है। सूत्रों की मानें तो 25 दिन पहले पकड़े गए जौनपुर के तस्करों ने तब पुलिस को बताया था कि वे रायबरेली, जौनपुर, बिहार के भभुआ, छपरा आदि जगहों पर सप्लाई दे चुके हैं। माना जा रहा है कि जौनपुर निवासी शुभम सिंह के पकड़े जाने पर हथियार तस्करी के बड़े नेटवर्क का खुलासा हो सकता है।