Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Water transport will increase economic development in UP tourism will also get a boost

यूपी में जल परिवहन से बढ़ेगा आर्थिक विकास बढ़ेगा, पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा

उत्तर प्रदेश जलमार्ग प्राधिकरण नियमावली को यूपी कैबिनेट में मंजूरी देने से जल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। जल परिवहन से प्रदेश का आर्थिक विकास भी बढ़ेगा। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरुवार को कैबिनेट के इस निर्णय पर विस्तार से जानकारी दी।

Pawan Kumar Sharma हिन्दुस्तान, लखनऊ, प्रमुख संवाददाताThu, 6 Feb 2025 10:39 PM
share Share
Follow Us on
यूपी में जल परिवहन से बढ़ेगा आर्थिक विकास बढ़ेगा, पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा

यूपी सरकार के उत्तर प्रदेश जलमार्ग प्राधिकरण नियमावली को कैबिनेट में मंजूरी देने से जल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। जल परिवहन से प्रदेश का आर्थिक विकास भी बढ़ेगा। इससे व्यापारिक गतिविधि भी बढ़ेगी। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरुवार को कैबिनेट के इस निर्णय पर विस्तार से जानकारी दी।

सुरेश खन्ना ने कहा कि देश में 111 राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किए गए हैं। इनमें उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना सहित कुल 11 राष्ट्रीय जलमार्ग हैं। जलमार्गों के जरिए परिवहन को सुविधाजनक बनाने के इरादे से इस प्राधिकरण की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि जल परिवहन प्रणाली के पूरी तरह से धरातल पर उतरने से यातायात के अन्य साधनों पर दबाव कम होगा। साथ ही व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

विशेषज्ञों को मिलेगी मुख्य पदों पर तैनाती

इस प्राधिकरण का अध्यक्ष मुख्यमंत्री द्वारा नामित परिवहन मंत्री अथवा अंतर्देशीय जलमार्ग, शिपिंग, नेविगेशन, पोर्ट्स और मैरीटाइम मामलों के विशेषज्ञ को बनाया जाएगा। उपाध्यक्ष पर भी ऐसे ही एक विशेषज्ञ को प्रदेश सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा। इसके साथ ही वित्त, लोक निर्माण, पर्यटन एवं संस्कृति, सिंचाई व जल संसाधन और वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव को प्राधिकरण का पदेन सदस्य बनाया जाएगा। इसके अलावा, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के अध्यक्ष द्वारा नामित एक प्रतिनिधि भी सदस्य बनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त इस प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीई्रओ) होंगे।

प्राधिकरण को मिलेंगी यह शक्तियां

इस प्राधिकरण में कई महत्वपूर्ण प्रावधानों को शामिल किया गया है। इनमें अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की शक्तियां और कर्तव्य, आवासीय व्यवस्था, यात्रा भत्ता, बैठकों की प्रक्रिया, कोरम, सलाहकार समितियों का गठन, कार्य संचालन की प्रक्रिया, सदस्यों का कार्यकाल, विशेषज्ञों का पैनल, बजट, लेखा और लेखा परीक्षा से जुड़े नियमों को शामिल किया गया है। इसके अलावा, वार्षिक लेखा रिपोर्ट, आरक्षित निधि तथा भूमि और संपत्ति में प्रवेश करने से संबंधित प्रावधान भी निर्धारित हुए हैं।

यूपी सरकार के उत्तर प्रदेश जलमार्ग प्राधिकरण नियमावली को कैबिनेट में मंजूरी देने से जल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। जल परिवहन से प्रदेश का आर्थिक विकास भी बढ़ेगा। इससे व्यापारिक गतिविधि भी बढ़ेगी। वित्त एंव संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने गुरुवार को कैबिनेट के इस निर्णय पर विस्तार से जानकारी दी।

सुरेश खन्ना ने कहा कि देश में 111 राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किए गए हैं। इनमें उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना सहित कुल 11 राष्ट्रीय जलमार्ग हैं। जलमार्गों के जरिए परिवहन को सुविधाजनक बनाने के इरादे से इस प्राधिकरण की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि जल परिवहन प्रणाली के पूरी तरह से धरातल पर उतरने से यातायात के अन्य साधनों पर दबाव कम होगा। साथ ही व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

विशेषज्ञों को मिलेगी मुख्य पदों पर तैनाती

इस प्राधिकरण का अध्यक्ष मुख्यमंत्री द्वारा नामित परिवहन मंत्री अथवा अंतर्देशीय जलमार्ग, शिपिंग, नेविगेशन, पोर्ट्स और मैरीटाइम मामलों के विशेषज्ञ को बनाया जाएगा। उपाध्यक्ष पर भी ऐसे ही एक विशेषज्ञ को प्रदेश सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा। इसके साथ ही वित्त, लोक निर्माण, पर्यटन एवं संस्कृति, सिंचाई व जल संसाधन और वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव को प्राधिकरण का पदेन सदस्य बनाया जाएगा। इसके अलावा, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के अध्यक्ष द्वारा नामित एक प्रतिनिधि भी सदस्य बनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त इस प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीई्रओ) होंगे।

प्राधिकरण को मिलेंगी यह शक्तियां

इस प्राधिकरण में कई महत्वपूर्ण प्रावधानों को शामिल किया गया है। इनमें अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की शक्तियां और कर्तव्य, आवासीय व्यवस्था, यात्रा भत्ता, बैठकों की प्रक्रिया, कोरम, सलाहकार समितियों का गठन, कार्य संचालन की प्रक्रिया, सदस्यों का कार्यकाल, विशेषज्ञों का पैनल, बजट, लेखा और लेखा परीक्षा से जुड़े नियमों को शामिल किया गया है। इसके अलावा, वार्षिक लेखा रिपोर्ट, आरक्षित निधि तथा भूमि और संपत्ति में प्रवेश करने से संबंधित प्रावधान भी निर्धारित हुए हैं।

जल पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा

उत्तर प्रदेश सरकार जल परिवहन के साथ-साथ जल पर्यटन को भी विकसित करने की तैयारी चल रही है। इस प्राधिकरण के जरिए विभिन्न पर्यटन स्थलों को जलमार्ग से जोड़ने और उसे आकर्षक बनाने की दिशा में भी प्रयास होंगे। सुरेश खन्ना ने कहा कि इस प्राधिकरण को मंजूरी मिलने से पर्यटकों को एक नया अनुभव मिलेगा। इसके साथ प्रदेश की आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी।

ये भी पढ़ें:संतकबीरनगर एसपी ने लूट की घटना छिपाने पर एसओ को किया सस्पेंड, डीआईजी भी नाराजगी
ये भी पढ़ें:भारतीयों को हथकड़ी डालकर भेजना अमानवीय, अमेरिका पर भड़कीं मायावती

उत्तर प्रदेश सरकार जल परिवहन के साथ-साथ जल पर्यटन को भी विकसित करने की तैयारी चल रही है। इस प्राधिकरण के जरिए विभिन्न पर्यटन स्थलों को जलमार्ग से जोड़ने और उसे आकर्षक बनाने की दिशा में भी प्रयास होंगे। सुरेश खन्ना ने कहा कि इस प्राधिकरण को मंजूरी मिलने से पर्यटकों को एक नया अनुभव मिलेगा। इसके साथ प्रदेश की आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी।

अगला लेखऐप पर पढ़ें