चार कत्ल के बाद 8 साल से फरार ढाई लाख के इनामी अपराधी से खौफ में परिवार, सुरक्षा पर सवा 3 Cr खर्च
- एक परिवार के 4 लोगों की हत्या और बचे हुए सदस्यों की हत्या की धमकी देने वाला ढाई लाख रुपये का इनामी राघवेन्द्र 8 साल से फरार है। इससे न सिर्फ पीड़ित परिवार खौफ के साये में जी रहा है, बल्कि उसका फरार होना सरकारी खजाने पर भी भारी पड़ रहा है।
एक परिवार के चार लोगों की हत्या और बचे हुए सदस्यों की हत्या की धमकी देने वाला ढाई लाख रुपये का इनामी राघवेन्द्र आठ साल से फरार है। इससे न सिर्फ पीड़ित परिवार खौफ के साये में जी रहा है, बल्कि उसका फरार होना सरकारी खजाने पर भी भारी पड़ रहा है। छह साल से पीड़ित परिवार की सुरक्षा में लगाए गए पुलिसकर्मियों के वेतन को जोड़ें, तो अब तक सरकारी खजाने से 3.10 करोड़ रुपये खर्च हो गए हैं। यही नहीं जिले के दो अन्य पीड़ित परिवारों को भी सुरक्षा में गनर मुहैया कराए गए हैं, हालांकि उनका मामला आरोपितों को सजा न मिलने की वजह से खौफ का है। इन दोनों की सुरक्षा में भी अब तक पुलिस कर्मियों के वेतन के मद में करीब 1.37 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। तीनों पीड़ित सुरक्षा में अब तक 44834940 रुपये खर्च हो चुके हैं।
झंगहा के सुगहा गांव निवासी राघवेन्द्र यादव ने जनवरी 2016 में चाचा-भतीजे को गोलियों से भून दिया था। उसने पूरे परिवार की हत्या की धमकी दी थी। चेताया था कि सबकी जान लेने से पहले वह पुलिस के हाथ नहीं आएगा। इसके बाद 10 अप्रैल 2018 को उसने रिटायर दरोगा जयहिंद और उनके बेटे नागेन्द्र को गोलियों से भून दिया। ये दोनों पहले हुई दो हत्याओं के मुकदमे की तारीख देखकर लौट रहे थे। इस बार भी उसने अपनी कसम दोहराई। चार हत्या करने के बाद भी पुलिस अब तक उसकी परछाईं नहीं छू पाई है। एक तरफ बदमाश फरार चल रहा है, तो दूसरी तरफ उसकी धमकी से परिवार की सुरक्षा में अब तक करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं। छह साल से रिटायर्ड दरोगा के घर पुलिस गार्द की सुरक्षा लगाई गई है। वर्तमान में यहां एक हेड कांस्टेबल और तीन कांस्टेबल सुरक्षा में तैनात हैं। सुरक्षा में खर्च होने वाली कुल को रकम जोड़ा जाए तो सिपाही के लिए 104115, हेड कॉन्स्टेबल के लिए 119485 रुपये महीने का खर्च करना होता है। इस मानक से अब तक 31091760 रुपये खर्च हो गए।
गगहा में कन्हैया की सुरक्षा में गनर की तैनाती
2021 से गगहा के कन्हैया गुप्ता को सुरक्षा दी गई है। इनके यहां पहले पुलिस गार्द लगाई जाती थी, लेकिन अब पुलिस लाइंस से गनर मिला हुआ है। सन्नी सिंह ने कन्हैया के पिता दुर्वासा और मां तथा भाई की हत्या कर दी थी। जमानत पर छूटने के बाद जून 2020 में में उसने मुकदमे में सुलह को लेकर कन्हैया को धमकी दी। अधिकारियों ने संज्ञान में लिया और कन्हैया गुप्ता के यहां पुलिस मुहैया कराई। सन्नी ने अपने साथी राज के साथ मिलकर सुलह में अडंगा लगाने पर पूर्व बसपा नेता रीतेश मौर्या की हत्या की। आरोपितों को सजा दिलाने के प्रयास में पुलिस लगी है। तीन साल से एक कांस्टेबल के सुरक्षा के मानक के हिसाब से देखे तो सरकारी खजाने से 3748140 रुपये खर्च हो चुके हैं।
दो भाइयों को जिंदा जलाया गया, पूर्व प्रधान को मिली है सुरक्षा
11 अक्टूबर 2016 को चौरीचौरा के डुमरी खास टोला बंसत गांव में सगे भाइयों संतोष और नर्वादा पासवान को बदमाशों ने पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया था। घटना के बाद से ही राजदेव पासवान को पुलिस सुरक्षा दी गई है। आठ साल से सुरक्षा पर खर्च को जोड़े तो यह रकम 9995040 रुपये होगी।
यह है सुरक्षा तय करने का पैमाना
पुलिस विभाग ए और बी दो कैटेगरी में सुरक्षा तय करता है। ए कैटेगरी में ऐसे लोगों को रखा जाता है जो किसी क्रिमिनल केस में वादी, गवाह या पैरोकार होते हैं। ऐसे लोगों को कोर्ट या अफसरों के निर्देश पर मुफ्त में सुरक्षा दी जाती है। बी कैटेगरी में ऐसे वीवीआईपी, कारोबारी और अन्य लोग आते हैं, जिन्हें दूसरे कारणों से जान का खतरा होता है। उन्हें कमेटी के विवेक पर 10 से 100 फीसदी के निजी खर्चे पर चार श्रेणियों में सुरक्षा मुहैया कराई जाती है।
क्या बोली पुलिस
एसपी नार्थ जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि वादी की सुरक्षा पुलिस की जिम्मेदारी है इस वजह से परिवार को सुरक्षा दी गई है। राघवेन्द्र के परिवार की सुरक्षा में चार पुलिसवाले तैनात हैं। राघवेन्द्र की तलाश में पुलिस टीमें लगी हैं उसकी जल्द गिफ्तारी की जाएगी।
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