शिक्षक शिक्षा की चुनौतियों पर चर्चा
वाराणसी में बीएचयू के शिक्षा संकाय में 'एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम कार्यान्वयन: चुनौतियों का सामना' विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि डॉ. नीरजा माधव ने शिक्षा में...
वाराणसी। बीएचयू के शिक्षा संकाय में शुक्रवार को ‘एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम कार्यान्वयन: चुनौतियों का सामना विषय पर पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन सह कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। कार्यशाला में देश के अग्रणी विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों ने भाग लिया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि साहित्यकार और शिक्षाविद डॉ. नीरजा माधव थीं। अध्यक्षता बीएचयू के प्रो. एएस रघुवंशी ने की। उद्घाटन सत्र में एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम के कार्यान्वयन में चुनौतियों के साथ शिक्षक शिक्षा में सुधार पर चर्चा हुई। प्रो. मधुलिका अग्रवाल ने शिक्षक शिक्षा की चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इसमें स्थानीय ज्ञान को शामिल करने और मूल्य-आधारित पाठ्यक्रम शामिल करने की बात कही। डॉ. नीरजा माधव ने शिक्षा में मूल्य-आधारित सामग्री के संकट और भाषा बाधाओं से उत्पन्न चुनौतियों पर प्रकाश डाला। प्रो. रघुवंशी ने शैक्षिक कार्यक्रमों के मॉड्यूलरिटी, स्थानीय पाठ्यक्रम के समावेश और पाठ्यक्रम के ओवरलैप से संबंधित चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित किया।
एनसीईआरटी में शिक्षक शिक्षा विभाग के प्रमुख प्रो. शरद सिन्हा ने मुख्य भाषण दिया। बीएचयू के प्रो. आशुतोष मोहन, केरल केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रो. वीपी जोशिथ, कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय के डॉ. फिरदौस अहमद, जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रो. भारती शर्मा और इग्नू के प्रो. अरबिंद कुमार झा ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर प्रो. अलका सिंह, प्रो. रमेशधर द्विवेदी, प्रो. सुरेंद्र राम, प्रो. नमिता सिन्हा, प्रो. अनीता अग्रवाल, प्रो. सुजाता साहा, प्रो. अलका रानी, प्रो. आलोक गार्डिया, प्रो. सोमू सिंह, प्रो. मधु कुशवाहा, प्रो. संजय सोनकर, प्रो. आशा पांडेय, प्रो. राघवेंद्र शर्मा आदि शिक्षक उपस्थित रहे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।