संग्रहालय शिक्षण संस्थानों की भी भूमिका निभाएं: डॉ.चौबे
Varanasi News - वाराणसी में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में चल रही कार्यशाला के दूसरे दिन संग्रहालयों की बदलती भूमिका पर चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने कहा कि संग्रहालय अब केवल वस्तुओं के देखने का स्थान नहीं, बल्कि...

वाराणसी, संवाददाता। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में चल रही पांच दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन गुरुवार को संग्रहालयों की बदलती भूमिका पर चर्चा हुई। पुरातत्व संग्रहालय और रामनगर स्थित लाल बहादुर शास्त्री स्मृति संग्रहालय की ओर से कार्यशाला आयोजित है। प्रथम सत्र में बीएचयू इतिहास विभाग के डॉ. सुजीत कुमार चौबे ने कहा कि वर्तमान में संग्रहालयों को पारंपरिक ढांचे से निकलकर जनसामान्य से जोड़ना होगा। संग्रहालय केवल वस्तुएं देखने का स्थान नहीं, बल्कि अनौपचारिक शिक्षा के केंद्र भी हैं। जहां सभी वर्गों और आयु के लोग ज्ञान अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय परिषद की अवधारणा का उल्लेख करते हुए बताया कि संग्रहालयों को अब शिक्षण संस्थानों की भूमिका निभानी चाहिए।
दूसरे सत्र में संग्रहालय के प्रारूपकार संदीप कुमार चौबे ने प्रतिभागियों को संग्रहालय भ्रमण कराया। विभिन्न कलाकृतियों, उनकी प्रदर्शनी विधियों आदि की जानकारी दी। इस दौरान डॉ. विमल कुमार त्रिपाठी, अमित द्विवेदी आदि रहे।
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