छात्रा के धरने पर पीएमओ ने तलब की रिपोर्ट
Varanasi News - वाराणसी में बीएचयू के हिन्दी विभाग में पीएचडी प्रवेश के लिए धरना दे रही छात्रा अर्चिता सिंह के मामले में पीएमओ ने कार्रवाई की है। जिला प्रशासन ने छात्रा से मुलाकात की और रिपोर्ट तैयार करने का आश्वासन...

वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। बीएचयू के हिन्दी विभाग में पीएचडी प्रवेश के लिए पांच दिन से केंद्रीय कार्यालय के बाहर धरना दे रही छात्रा अर्चिता सिंह के मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय ने संज्ञान लिया है। पीएमओ ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। इसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और सोमवार को एडीएम सिटी छात्रा से बातचीत करने पहुंचे। वह जल्द ही पीएमओ को रिपोर्ट भेजेंगे। दूसरी तरफ, चंदौली के सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने भी छात्रा से मुलाकात की। वह परीक्षा विभाग के बाहर धरने पर बैठे छात्रों से भी मिले। बीएचयू स्थित केंद्रीय कार्यालय के गेट पर पांच दिनों से धरने पर बैठी छात्रा का आरोप है कि सारे प्रमाण पत्र सही होने पर भी उसका प्रवेश बाधित किया जा रहा है। 15 दिनों तक कुलपति, कुलसचिव और परीक्षा नियंता कार्यालय से लेकर हिन्दी विभाग तक के चक्कर लगाने के बाद उसने धरना शुरू कर दिया। इस मामले में पीएमओ को बीएचयू में कार्यरत विभिन्न एजेंसियों की तरफ से गोपनीय रिपोर्ट भी भेजी गई है। पीएमओ ने इसे संज्ञान लेकर जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की। सोमवार को एडीएम सिटी आलोक कुमार वर्मा धरनास्थल पर पहुंचे और छात्रा से उसके आवेदन और अंडरटेकिंग के संबंध में सारी जानकारी ली।
सोमवार को चंदौली के सपा सांसद वीरेंद्र सिंह और सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा भी छात्रा से मिलने पहुंचे। दोनों नेताओं ने छात्रा की पूरी बात सुनी और उसे समर्थन दिया। सांसद वीरेंद्र सिंह ने विश्वविद्यालय प्रशासन से वार्ता की और चेतावनी दी कि अगर अर्चिता को न्याय नहीं मिला तो समाजवादी पार्टी उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगी। सांसद ने इसके बाद धरना दे रहे प्राचीन इतिहास विभाग के अभ्यर्थियों से भी मुलाकात की। दीक्षा महिला कल्याण शोध संस्थान की राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोषी शुक्ला ने भी धरनास्थल पर छात्रा अर्चिता से मुलाकात की। आरोप लगाया कि मामले को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है जबकि यह एक बेटी की शिक्षा और अधिकार से जुड़ा मुद्दा है।
एबीवीपी ने भी खोला मोर्चा, फूंका बीएचयू प्रशासन का पुतला
वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। बीएचयू में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में अनियमितताओं के मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को एबीवीपी के सदस्यों ने महिला महाविद्यालय चौराहे पर बीएचयू प्रशासन का पुतला फूंका। आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन की गलत नीतियों के कारण परिसर राजनीति का अड्डा बन गया है।
पुतला दहन करने वाले छात्रनेताओं ने कहा कि शोध प्रवेश प्रक्रिया में प्रशासनिक अनियमितता, विभागीय धांधली और लापरवाही के कई मामले सामने आए। अभ्यर्थियो ने पिछले दिनों ज्ञापन, विरोध प्रदर्शन आदि के जरिए विश्वविद्यालय प्रशासन का ध्यान भी आकर्षित किया। मगर विभागीय मनमानी के कारण छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ जारी है। मांग की कि हिन्दी विभाग के प्रवेश के मामले में भारत सरकार के ईडब्ल्यूएस संबंधित नियम के अनुसार निर्णय लिया जाए। साथ ही प्राचीन इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के ओबीसी विद्यार्थियों के प्रवेश में जारी अनियमितता को भी ठीक किया जाए। पुतला दहन और विरोध प्रदर्शन में एबीवीपी के काशी प्रांत मंत्री अभय प्रताप सिंह, इकाई अध्यक्ष प्रशांत राय, प्रांत शोधकार्य संयोजक सर्वेश सिंह राजन, ओंकार, सूर्यांश, मोहित, हिमांशु, अभय, अभिषेक, मदन, यशवर्धन, अखिलेश आदि शामिल
छात्रा के खिलाफ टिपण्णी करने पर मुकदमा
वाराणसी। पीएचडी (बीएचयू) में प्रवेश को लेकर की गई गड़बड़ी को लेकर धरने पर बैठी छात्रा पर टिप्पणी करने वाले पर सोमवार को मुकदमा दर्ज किया गया है। लंका थाने की पुलिस ने बताया कि शिवांश सिंह की शिकायत पर कार्रवाई की गई है। पुलिस ने बताया कि सोशल मीडिया पर ब्राह्मण समाज के पेज से ट्विटर अकाउंट पर धरने पर बैठी छात्रा के खिलाफ अश्लील कमेंट किया गया था।
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