इस साल से बदली दिखेंगी बीएचयू की डिग्रियां
वाराणसी स्थित बीएचयू ने छात्रों को दी जाने वाली डिग्री और उपाधियों का स्वरूप बदल दिया है। नए डिज़ाइन में 'श्री' या 'सुश्री' हटाए गए हैं और डिग्रियों पर क्यूआर कोड भी होगा। पीएचडी की उपाधि पर 'एडमिटेड'...
वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। बीएचयू से छात्रों को दी जाने वाली डिग्री और उपाधि का स्वरूप बदल दिया गया है। इस साल 14 दिसंबर को होने वाले दीक्षांत में छात्रों को नए तरह की डिग्री और सर्टिफिकेट दिए जाएंगे। इनका डिजाइन बदलने के साथ ही इन्हें अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया गया है। ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि इनका कागज दशकों तक खराब न हों। 1916 में स्थापित बीएचयू से मिलने वाले प्रमाण पत्र और उपाधियों में विद्यार्थी के नाम के आगे ‘श्री या ‘सुश्री लिखा जाता था। बीएचयू इस बार नाम के आगे से इन्हें हटा रहा है। परीक्षा नियंता प्रो. एनके मिश्रा ने बताया कि देश से बाहर किसी संस्थान में नौकरी या अध्ययन करने जाने पर ‘श्री या ‘सुश्री को इनके नाम का हिस्सा मान लिया जाता था। ऐसे में पिछले सर्टिफिकेट, आधार से लेकर बैंक अकाउंट तक के वेरिफिकेशन में समस्या आती थी। उन्होंने बताया कि उपाधि पर परंपरागत रूप से हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल जारी रहेगा। उपाधि पर बीएचयू का लोगो और वीणा के साथ माता सरस्वती का चित्र भी यथावत रहेगा। उपाधि की डिजाइन को भी आकर्षक बनाने की कोशिश की गई है। उन्होंने बताया कि डिग्री को अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों के अनुरूप बनाया जा रहा है। इसपर क्यूआर कोड भी डाला जाएगा ताकि डिग्री को स्कैन कर भी जानकारी ली जा सके।
छात्रों को दी जाने वाली पीएचडी की उपाधि में भी परिवर्तन किया गया है। पहले इसपर ‘एडमिटेड लिखा होता था जिसे बदलकर अब ‘अवार्डेड किया गया है। परीक्षा नियंता ने बताया कि एडमिटेड शब्द पर कई बार कंपनियां आपत्ति करती थीं। माना जाता था कि पीएचडी में एडमिशन लेकर अभ्यर्थी ने इसके पूरा होने का दावा किया है।
पीएचडी की डिग्री पर नहीं होगा लेमिनेशन
बीएचयू ने इस दीक्षांत समारोह में दी जाने वाली पीएचडी की डिग्री पर लेमिनेशन नहीं होगा। बीएचयू 50 साल से भी ज्यादा समय से पीएचडी की उपाधि लेमिनेट कराकर विद्यार्थियों को देता था। मगर यह देखा गया कि समय बीतने के साथ लेमिनेशन खुल जाता है और इसका प्लास्टिक डिग्री के कागज से चिपक कर उसे खराब कर देता है। ऐसे में इस बार डिग्री को लेमिनेशन की जगह बीएचयू से डिजाइन एक फोल्डर में रखकर सभी को प्रदान किया जाएगा।
बयान
बीएचयू की डिग्री को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने के लिए यह बदलाव किए गए हैं। पहले भी डिग्रियों और उपाधियों में मामूली बदलाव हुए हैं मगर इस बार के बदलाव महत्वपूर्ण हैं। इस बात का ध्यान रखा गया है कि इन बदलावों से बीएचयू की उपाधि परंपरा अक्षुण्ण रहे।
प्रो. एनके मिश्रा, परीक्षा नियंता बीएचयू
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