सात दिनों में रंगकर्म की दिखेगी सतरंगी छटा
वाराणसी में 27वां आश्विन नाट्य महोत्सव 21 से 27 सितंबर तक आयोजित होगा। इस दौरान सात नाटकों का मंचन किया जाएगा, जिसमें हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी में अनुवादित नाटक शामिल होंगे। महोत्सव की शुरुआत...
वाराणसी,मुख्य संवाददाता। आश्विन नाट्य महोत्सव का 27वां संस्करण सात दिनों का होगा। इन सात दिनों में सात प्रकृति के नाटकों का मंचन होगा। नागरी नाटक मंडली न्यास की ओर महोत्सव का आयोजन 21 से 27 सितंबर तक मुरारीलाल मेहता प्रेक्षागृह में होगा। सभी नाटक शाम छह बजे से आरंभ होंगे।
महोत्सव में हिंदी के साथ ही संस्कृत और अंग्रेजी के अनुवादित नाटकों का मंचन होगा। सभी अलग-अलग भावभूमि पर आधारित हैं। संयोजक सुमन पाठक ने बताया कि महोत्सव की शुरूआत रंगकर्म की नौटकी विधा से होगी।
21 सितंबर को प्रयागराज की संस्था विनोद रस्तोगी स्मृति संस्थान के कलाकारों द्वारा ‘बंटवारे की आग नाटक का मंचन अजय मुखर्जी के निर्देशन में किया जाएगा। दूसरी संध्या में 22 सितंबर को एनएसडी की स्थानीय इकाई के प्रशिक्षु कलाकारों द्वारा ‘उत्तर रामचरित का मंचन प्रवीण गुंजन के निर्देशन में होगा। 23 सितंबर को काशी की मूलहान संस्था की ओर से ‘बर्फ नाटक का मंचन तौकीर खान के निर्देशन में होगा। 24 सितंबर को गोर कला मंडप के कलाकार डॉ. दिव्या श्रीवास्तव के निर्देशन में ‘पारिजात पुष्प का मंचन होगा। 25 सितंबर को मंथन संस्था के बैनरतल वरिष्ठ रंगकर्मी परितोष भट्टाचार्य के निर्देशन में हास्य नाटक ‘गांव ससुराल नाम दमाद का मंचन करेंगे। 26 सितंबर को नागरी नाटक मंडली की प्रस्तुति होगी। उत्कर्ष उपेंद्र सहस्रबुद्धे के निर्देशन में ‘दूतवाक्यम् का मंचन करेंगे। महोत्सव की अंतिम संध्या में बनारस यूथ थियेटर की कलाकार अर्चना निगम के निर्देशन में ‘कंप्रोमाइज नाटक का मंचन होगा।
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