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UPPCS Protest: एक पेपर लीक ने खराब कर दिया छात्रों का पूरा साल, नए आंदोलन से परेशानी बढ़ी

  • आरओ-एआरओ 2023 पेपर लीक होने की घटना ने छात्रोंका पूरा साल खराब कर दिया। नकल माफियाओं की परीक्षा का पेपर लीक होने की घटना ने छात्रों का पूरा साल खराब कर दिया। घटनाक्रम इस कदर बनते गए कि आज तक परीक्षा की नौबत नहीं आ सकी है।

Pawan Kumar Sharma हिन्दुस्तान, प्रयागराजTue, 12 Nov 2024 09:09 PM
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समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) 2023 की 11 फरवरी को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक होने की घटना ने छात्रों का पूरा साल खराब कर दिया। नकल माफियाओं की हरकत के बाद शुरू हुए आंदोलन के बाद घटनाक्रम इस कदर बनते गए की आज तक परीक्षा की नौबत नहीं आ सकी है। प्रशासनिक मशीनरी फेल होने का नतीजा है कि आज हजारों छात्र आयोग के बाहर सड़क पर बैठे हैं।

यह पहली बार नहीं है जब पेपर लीक के कारण छात्रों का भविष्य अधर में फंसा है। इससे पहले आरओ/एआरओ 2016 की भर्ती भी पेपर लीक होने की वजह से पांच साल तक फंसी रही। पांच अप्रैल 2021 को अंतिम परिणाम घोषित होने के साथ उस विवाद का अंत हुआ था। आरओ/एआरओ-2016 की प्रारंभिक परीक्षा पहली बार 27 नवंबर 2016 को 21 जिलों के 827 केंद्रों पर हुई थी। परीक्षा के लिए 3,85,191 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। परीक्षा के दौरान लखनऊ के एक केंद्र से व्हाट्सएप पर पेपर वायरल हो गया था और पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने इस मामले में लखनऊ के हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस प्रकरण की जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई थी। एजेंसी ने जांच पूरी होने के बाद 21 सितंबर 2018 को न्यायालय में अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की। जिसमें परीक्षा में पेपर आउट होने के कोई ठोस साक्ष्य नहीं होने की बात कही गई थी। जिसके बाद अमिताभ ठाकुर ने सीबीसीआईडी की अंतिम रिपोर्ट पर आपत्ति दाखिल कर दी।

विशेष न्यायाधीश सीसीबीआईडी, लखनऊ ने एक जनवरी 2020 को जारी आदेश में सीबीसीआईडी की अंतिम रिपोर्ट निरस्त कर दी और मामले की दोबारा जांच के आदेश दिए। इस प्रकरण में देरी होता देख आयोग ने 14 जनवरी 2020 को प्रारंभिक परीक्षा निरस्त करने हुए दोबारा परीक्षा कराने का निर्णय लिया था। 20 सितंबर 2020 को हुई पुनर्परीक्षा में सिर्फ पुराने अभ्यर्थियों को शामिल होने का अवसर दिया गया था। इसका अंतिम परिणाम पांच अप्रैल 2021 को घोषित हुआ था। हालांकि इस दौरान 58 पद कम हो गए। आयोग ने 361 पदों पर विज्ञापन जारी किया था लेकिन अंतिम परिणाम 303 पदों के सापेक्ष जारी हुआ था।

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लखनऊ से आउट हुआ था पीसीएस 2015 प्री का पेपर

आयोग के इतिहास में पहली बार पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2015 का पेपर लखनऊ के एक सेंटर से आउट हुआ था। आयोग ने पहले पेपर लीक से इनकार किया था लेकिन बाद में इसके पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद एक पाली की पूरी परीक्षा निरस्त कर फिर से करवाई गई थी। पीसीएस मुख्य परीक्षा 2018 में पेपर आउट की आशंकाएं भी सही साबित हुईं थीं। कोलकाता के प्रिंटिंग प्रेस मालिक कौशिक कुमार कर के पास मेन्स का 53 सेट पेपर मिलने से परीक्षा की गोपनीयता भंग हुई थी।

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