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यूपी बनेगा मार्डन एजुकेशन हब, 6 जिलों में खुलेंगे स्‍पेशल एजुकेशन जोन, योगी सरकार का बड़ा फैसला

  • लखनऊ के मोहान रोड पर प्रदेश के पहले एसईजेड की स्थापना होगी। यहां 785 एकड़ में एजुकेशन सिटी बनेगी, जिसमें विभिन्न शैक्षिक संस्थान होंगे। 103 एकड़ में विकास प्रक्रिया शुरू है। एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (EOI) हो चुका है।

Ajay Singh लाइव हिन्दुस्तानSun, 27 Oct 2024 05:34 AM
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Special Education Zone: उत्तर प्रदेश को भविष्य की जरूरतों के अनुसार मॉडर्न और एडवांस्ड एजुकेशन हब के तौर पर विकसित करने की दिशा में योगी सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। ये स्पेशल एजुकेशन जोन लखनऊ, गोरखपुर, अयोध्या, आगरा, गौतमबुद्ध नगर व बुंदेलखंड में बनेंगे। खास बात यह है कि इन स्पेशल एजुकेशन जोन में विभिन्न शैक्षिक संस्थान की स्थापना कर प्राइमरी लेकर विश्वविद्यालय तक की शिक्षा दी जाएगी। उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति-2024 में प्रदेश को वर्ल्ड क्लास क्वॉलिटी एजुकेशन का हब बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसलिए अब ‘एक जिला एक विश्वविद्यालय’ के लक्ष्य पर फोकस किया जा रहा है।

लखनऊ में प्रदेश का पहला एसईजेड विकसित होगा

उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि लखनऊ के मोहान रोड पर प्रदेश के पहले एसईजेड की स्थापना होगी। यहां 785 एकड़ क्षेत्र में एजुकेशन सिटी का विकास किया जाएगा और विभिन्न शैक्षिक संस्थान होंगे। इसमें से 103 एकड़ क्षेत्र में विकास प्रक्रिया शुरू हो गई है जिसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (ईओआई) जारी हो चुका है। यह एसईजेड एक मॉडल की तरह कार्य करेगा जिसकी तर्ज पर प्रदेश के अन्य पांच जिलों में भी एसईजेड की स्थापना होगी।

इसी क्रम में, अयोध्या में आचार्य नरेंद्र देव यूनिवर्सिटी, आगरा में आरबीएस कॉलेज तथा गौतम बुद्ध नगर में गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी की अनयूज्ड लैंड पार्सल को उपयोग में लाया जाएगा। गोरखपुर व बुंदेलखंड में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इन सभी एसईजेड में प्रत्येक में अधिकतम आठ व कुल मिलाकर 40 शैक्षिक संस्थानों की स्थापना व विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।

प्रमुख सचिव (उच्च शिक्षा) एमपी अग्रवाल ने बताया कि विश्वविद्यालय के अभाव वाले जिले और विशेष तौर पर आकांक्षात्मक जिलों में 42 विश्वविद्यालयों व टॉप एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस की स्थापना हो सकेगी। इन्हें नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 (एनईपी) के अनुसार बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू) के तौर पर विकसित किया जाएगा। वहीं, प्रदेश में एनआईआरएफ रैंकिंग वाले टॉप-50 तथा प्रख्यात विदेशी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए स्टाम्प ड्यूटी में छूट, पूंजीगत अनुदान समेत विभिन्न प्रकार की सहूलियतें उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध संस्थानों, पाठ्यक्रमों और सीटों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे प्रदेश में उच्च शिक्षा व अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा।

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