Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP Vigilance notice to Additional Project Manager in disproportionate assets case inquiry will be done

आय से अधिक संपत्ति मामले में विजिलेंस देगा अपर परियोजना प्रबंधक को नोटिस, होगी पूछताछ

विजिलेंस अपर परियोजना प्रबंधक को नोटिस देगी। आय से अधिक संपत्ति मामले में पूछताछ की जाएगी। तीन कर्मचारियों से आमना-सामना भी कराया जाएगा। विभाग ने शासन से करवाई के लिए अभियोजन स्वीकृति मांगी है।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, लखनऊSat, 26 Oct 2024 07:16 AM
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आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में निर्माण निगम के पूर्व अपर परियोजना प्रबन्धक राजवीर सिंह की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही है। विजिलेंस ने कई तथ्यों का आधार बनाते हुए अपर परियोजना प्रबन्धक से पूछताछ की तैयारी कर ली है। जल्दी ही उन्हें नोटिस भेजा जाएगा। इसके साथ ही विभाग ने शासन से अभियोजन स्वीकृति भी मांगी है। स्मारक घोटाले में भी विजिलेंस पहले ही अभियोजन स्वीकृति ले चुका है। अपर परियोजना प्रबन्धक के दिल्ली और नोएडा में विजिलेंस के छापे में अकूत सम्पत्ति का पता चला था। इस मामले में अभी भी जांच चल रही है।

वर्ष 2007 से 2011 के बीच निर्माण निगम में तैनात रहे राजवीर सिंह ने अपने और पत्नी के नाम काफी सम्पत्ति नोएडा, दिल्ली और गाजियाबाद में खरीदी थी। इसमें कई सम्पत्तियां राजवीर और उनकी पत्नी अर्चना के नाम थी। एक कम्पनी आरीज वेलटेक कम्पनी का मालिकाना हक कागजों में राजवीर सिंह के पास ही निकला था। विजिलेंस के अफसरों ने बताया कि जांच में करोड़ों की सम्पत्ति राजवीर सिंह के नाम ही निकली है। इन सब बिन्दुओं पर अभी पड़ताल चल रही है। उनकी सम्पत्ति का पूरा मूल्यांकन कराया जा रहा है।

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कई दस्तावेजों के आधार होगी पूछताछ
डीजी विजिलेंस राजीव कृष्ण के मुताबिक अभी कई बिन्दुओं पर जांच चल रही है। सम्पत्ति का मूल्यांकन कराया जाएगा। कई दस्तावेजों से जरूरी जानकारियां मिली है। इनके सत्यापन के लिए राजवीर सिंह से पूछताछ की जाएगी। विजिलेंस के अफसरों का कहना है कि कानूनी औपचारिकताएं पूरी होते ही राजवीर सिंह को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।

राजवीर वर्तमान में दिल्ली स्थित महाप्रबन्धक कार्यालय में अपर परियोजना प्रबन्धक के पद पर तैनात हैं। जल्दी ही उनके नोएडा स्थित आवास के पते पर नोटिस भेजा जाएगा। पत्नी के नाम सम्पत्ति और लॉकर से जेवर, नगदी के अलावा मिले दस्तावेज के बारे में पूछताछ होगी। एक दस्तावेज उनके बेहद करीबी से अलगाव का था जबकि ये दोनों लगातार साथ रह रहे हैं। ये दस्तावेज फर्जी तरीके से बनवाया गया था ताकि सम्पत्ति को अलग-अलग दिखाया जा सके।

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