यूपी में लागू होगी आर्टीफिशियल इंटलीजेंस नीति, एआई कंपनियों को जमीन पर मिलेगी छूट
यूपी में आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) तकनीक को बढ़ाने, उसका व्यापक प्रयोग करने व अनुसंधान को बढ़ाने के लिए सरकार बड़ी पहल करने जा रही है। राज्य में आर्टीफिशियल इंटलीजेंस मिशन लागू होगा। इसके तहत एआई फंड बनेगा।
यूपी में आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) तकनीक को बढ़ाने, उसका व्यापक प्रयोग करने व अनुसंधान को बढ़ाने के लिए सरकार बड़ी पहल करने जा रही है। राज्य में आर्टीफिशियल इंटलीजेंस मिशन लागू होगा। इसके तहत एआई फंड बनेगा। लखनऊ को देश के पहले एआई सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा। एआई सेक्टर में निवेश करने वाली कंपनियों को जमीन से लेकर स्टांप ड्यूटी तक में भारी छूट मिलेगी।
यह खास बातें उत्तर प्रदेश आर्टीफिशियल इंटलीजेंस नीति-2024 में रखी गईं हैं। आईटी विभाग के इस मसौदे को संबंधित स्टेक होल्डर से राय लेकर कैबिनेट से पास कराया जाएगा। इसके मुताबिक एक डाटा मैनेजमेंट सेल बनेगा। यह भारतीय स्टार्टअप व रिसर्च में सहायक होगा। सरकार इसके अलावा डाटा एक्सचेंज प्लेटफार्म भी संचालित करेगी।
लखनऊ होगा देश का पहला आई सिटी
इस नीति के जरिए यूपी की योजना देश व राज्य का पहला एआई सिटी लखनऊ में विकसित करने की है। इसे नई तकनीक का हब बनाया जाएगा। यह एआई सिटी एआई अविष्कार कंपनियों को यहां अपने प्रोजेक्ट डवलपमेंट करने व शोध करने का मौका देगा। नोएडा व लखनऊ में एआई ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएंगे। नि:शुल्क एआई पाठ्यक्रम सीएम अभ्युदय पोर्टल पर उपलब्ध होंगे। नि:शुल्क टैबलेट व स्मार्टफोन में यह उपलब्ध होंगे। एआई के इस्तेमाल में एथिक्स, गोपनीयता, निजता सुनिश्चित की जाएगी।
एआई निवेश करने वाली कंपनियों को मिलेगी भारी रियायत
निवेशक कंपनियों को पूंजीगत निवेश पर 10 प्रतिशत की सब्सिडी (अधिकतम 50 करोड़ रुपये) दी जाएगी। टर्म लोन पर सात प्रतिशत सालाना की ब्याज सब्सिडी मिलेगी। जमीन खरीदने पर छूट के तहत 25 प्रतिशत (अधिकतम 50 करोड़ रुपये) छूट मिलेगी। यह छूट पश्चिमी यूपी में प्रति एकड़ 200 लोगों को रोजगार देने पर, मध्यांचल में 150 को रोजगार देने व बुंदेलखंड-पूर्वांचल में 100 लोगों को प्रति एकड़ जमीन के हिसाब से रोजगार देने पर ही मिलेगी। एआई कंपनी को जमीन पर स्टांप ड्यूटी में सौ प्रतिशत छूट दी जाएगी।
इसके अलावा एआई यूनिट लगाने पर लीज रेंट में राहत दी जाएगी। बैंडबिथ एक्सपेन्स में आने वाला खर्च की प्रतिपूर्ति इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर को दी जाएगी। यह सारी छूट रियायतें हर साल अधिकतम 20 करोड़ से ज्यादा से नहीं होंगी। गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद छोड़ कर यूपी में कहीं भी एआई यूनिट में रखे गए अधिकतम 30 छात्रों या कर्मचारियों को सरकार हर एक के लिए 20 हजार रुपये की मदद एक साल के लिए देगी।
इनमें भी मिलेगी राहत
ईपीएफ, पेटेंट फाइलिंग, प्रमाणीकरण में प्रोत्साहन, यात्रा लागत प्रतिपूर्ति, शोध व अनुसंधान ग्रांट में भी राहत मिलेगी। पहले तीन साल तक इंटरनेट खर्च का 25 प्रतिशत सरकार देगी। इन एआई यूनिट को फैक्ट्री एक्ट, मैटरनेटी बेनीफिट एक्ट, दुकान व प्रतिष्ठान एक्ट, एआई यूनिट द्वारा स्व प्रमाण पत्र मान्य होगा। एआई फंड से राज्य में बुनियादी ढांचे को बनाने, एआई नवाचार में होगा। इसके जरिए शोध व अनुंसधान को बढ़ावा दिया जाएगा।