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डिजिटल अरेस्‍ट गिरोह के बड़े गुनहगारों तक पहुंची UP STF, सामने आया पाकिस्‍तानी और चीनी कनेक्‍शन

  • भारत में डिजिटल अरेस्ट वाला गिरोह पाकिस्तान और चीन के कुछ नागरिकों ने फैलाया है। इन लोगों ने ही कम्बोडिया में ट्रेनिंग सेन्टर खोला जहां भारत के बेरोजगार युवाओं को कम्प्यूटर की आधुनिक ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिंग देने वालों में अधिकतर चीनी नागरिक रहे।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, लखनऊ। विधि सिंहMon, 18 Nov 2024 02:01 PM
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Pakistani and Chinese connection of Digital Arrest Gang: पाकिस्तान और चीन के कुछ नागरिकों ने भारत में डिजिटल अरेस्ट वाला गिरोह फैलाया है। इन लोगों ने ही कम्बोडिया में ट्रेनिंग सेन्टर खोला जहां भारत के बेरोजगार युवाओं को कम्प्यूटर की आधुनिक ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिंग देने वालों में अधिकतर चीनी नागरिक रहे। इस सेन्टर में डेढ़ महीने की ट्रेनिंग में हिन्दी और दक्षिण भारतीय फिल्में दिखाकर उन्हें सीबीआई और अन्य प्रदेशों की पुलिस की तरह बोलचाल करना सिखाया गया। फिर इन्हें बताया गया कि किस तरह खुद को सीबीआई व नारकोटिक्स अधिकारी बताकर भारत के लोगों से रुपए हड़पने है। यह खुलासा पहली बार हुआ जब एसटीएफ ने हरियाणा से इनके सरगना पंकज सुरेला समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। एसटीएफ पंकज से ‘इंट्रोगेशन’ में गिरोह के पूरे नेटवर्क का बड़ा खुलासा होने का दावा कर रही है।

एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह भी कहते हैं कि पहली बार डिजिटल अरेस्ट करने वाले गिरोह के मूल नेटवर्क तक पहुंचा जा सका है। अभी तक जो भी लोग पकड़े गए, वह गिरोह में तीसरे पायदान के लोग थे। सरगना पंकज वह व्यक्ति है जो दो लोगों के साथ कम्बोडिया ट्रेनिंग करने गया था। पंकज ने ही खुलासा किया कि वह कम्बोडिया में जब एयरपोर्ट पहुंचा था तो उसे पाकिस्तानी नागरिक लेने आया था। वही एयरपोर्ट से करीब 500 किमी. दूर एक फ्लैट पर ले गया जहां कई चीनी नागरिक थे। इसके अलावा कई भारतीय भी थे।

ट्रेनिंग के दौरान शान-ए-शौकत की हर चीज मुहैया रही

एसटीएफ के अफसरों ने दो दिन में पकड़े गए सात लोगों से लम्बी पूछताछ की तो पंकज और सागर ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान वहां सुख सुविधाओं के सारे इंतजाम थे। उन्हें किसी चीज की जरूरत होती थी तो तुरन्त मुहैया करा दी जाती थी। इसके अलावा उन्हें कुछ रकम भी मिलती है जिसे वह मेहनताना कहते थे। इस दौरान ही उन्हें आश्वस्त किया गया कि भारत में जाकर जितनी भी रकम तुम्हारे माध्यम से आएगी, उसका 30 प्रतिशत कमीशन मिलेगा। इसके लिए उन्हें ही कई ऐसे लोगों को भी ढूंढ़ना रहता है जो कई बैंक खातों का ब्योरा दे सके। इन खातों में ही हड़पी गई रकम भेजी जाती और कुछ समय में ही निकाल ली जाती थी।

राजस्थान से सबसे ज्यादा 115 लोग ट्रेनिंग पर गए

एसटीएफ के मुताबिक राजस्थान के अलवर निवासी पंकज सुरेला ने बताया कि वह इसी साल मार्च में राजस्थान से 100 लोगों को लेकर गया था। 15 अन्य लोग राजस्थान से पहले से वहां थे। एसटीएफ का कहना है कि यहां कई अन्य प्रदेशों के लोग भी ट्रेनिंग कर चुके है। पंकज से पूरी इन्ट्रोगेशन में ऐसा ही खुलासा हुआ है। इस गिरोह के सरगना के अलावा सागर, सनी वर्मा, अंशुल माहौर,अभय सिंह, नोएडा निवासी राजकुमार सिंह और संदीप दोहरे जेल में है। एसटीएफ सरगना व उसके दो साथियों को जल्दी ही रिमाण्ड पर लेगी ताकि कुछ और जानकारियां उगलवा सके।

तीन महीने में करोड़ों का वारा न्यारा कर डाला

-अगस्त में नोएडा के एक होटल में रुककर आठ करोड़ की ठगी की

-29 अक्टूबर को 36 लाख रुपए हड़प लिए

-दीपावली के बाद डिजिटल अरेस्ट कर डॉक्टर से ढाई करोड़ ठगे

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