यूपी में अब सभी राज्य कर्मचारियों को देना होगा ये सहमति पत्र, मुख्य सचिव ने जारी किया फरमान
- यूपी में अब सभी राज्य कर्मचारियों को त्रुटिवश ज्यादा वेतन मिल जाने पर वसूली के लिए अब उन्हें सहमति पत्र देना होगा। वित्त विभाग ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से एक विस्तृत शासनादेश जारी किया है।
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यूपी सरकार राज्य कर्मचारियों को त्रुटिवश ज्यादा वेतन मिल जाने पर वसूली के लिए अब उनसे पहले से ही सहमति पत्र लेगी। इस सहमति पत्र के आधार पर अधिक जारी हो गए वेतन की राशि वसूल होगी। वित्त विभाग ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से एक विस्तृत शासनादेश जारी किया है। अभी तक सहमति की पत्र की अनिवार्यता न होने के कारण वसूली में दिक्कते आने लगी और विभागीय मुकदमेबाजी शुरू हो गई।
अब सोमवार को जारी आदेश में कहा गया है कि अगर अधिक वेतन मिल जाने पर अतिरिक्त धनराशि की वसूली के लिए गए संबंधित कार्मिक को एक सहमति पत्र देना होगा। इसमें प्रावधान है कि अगर त्रुटिपूर्ण वेतन निर्धारण के चलते देयता से अधिक भुगतान हो गया है तो संबंधित कार्मिक के देयकों से वसूली समायोजन सुनिश्चित होगा। 2016 से अब तक जिन कर्मचारियों ने सहमति पत्र नहीं दिया है, उनसे अब सहमति लेना अनिवार्य किया गया। इस सहमति पत्र को कार्मिक की सेवा पुस्तिका में लगा दिया जाएगा। सभी विभागाध्यक्ष, कार्यालयाध्यक्ष/आहरण वितरण अधिकारी सेवा सम्बन्धी विवरण एवं सहमति पत्र को वेतन निर्धारण के प्रारूप के हिसाब से लेंगे। कार्मिकों के वेतन निर्धारण एवं देयों के आगणन की जांच आवश्यक रूप से उसी वित्तीय वर्ष में ही पूरी करनी होगी।
सहमति पत्र सेवा पुस्तिका में संलग्न होते हुए भी त्रुटिपूर्ण वेतन निर्धारण, देयों के आगणन की जांच में कदाशयता सिद्ध होने पर विभागाध्यक्ष, आहरण वितरण अधिकारी, वित्त नियंत्रक, वित्त एवं लेखाधिकारी व संबंधित कार्मिक का उत्तरदायित्व निर्धारित होगा। अगर वसूली नहीं हो पाई तो उत्तरदायी अधिकारियों पर दण्डात्मक कार्रवाई होगी। वसूली प्रकरणों की हर महीने समीक्षा होगी।