गर्भवती को चढ़ाया गलत खून, बाम्बे ब्लड ग्रुप की दिया जगह ओ नेगेटिव, भाई ने ऐसे बचाई जान
रायबरेली निवासी गर्भवती का बाम्बे ब्लड ग्रुप था लेकिन उसे ओ नेगेटिव चढ़ दिया जिससे हालत बिगड़ गई। गंभीर अवस्था में गर्भवती को लखनऊ रेफर किया गया जहां भाई ने रक्तदान कर जच्चा-बच्चा की जान बचाई।
रायबरेली निवासी गर्भवती महिला का खास बाम्बे ब्लड ग्रुप था। जो जांच में ओ नेगेटिव की तरह नजर आता है। लिहाजा डॉक्टरों ने जांच के बाद गर्भवती महिला को ओ नेगेटिव ग्रुप का खून चढ़ा दिया। जिसके बाद महिला की हालत गंभीर हो गई। आनन-फानन गर्भवती को लोहिया संस्थान रेफर किया गया। यहां गर्भवती महिला के खून की जांच हुई। जिसमें ओ नेगेटिव के बजाए बाम्बे ब्लड ग्रुप का खून की पुष्टि हुई। उसके भाई ने रक्तदान किया। जिससे सुरक्षित प्रसव कराया जा सका।
रायबरेली निवासी 25 वर्षीय गर्भवती को गंभीर अवस्था में लोहिया संस्थान के शहीद पथ स्थित मातृ शिशु एवं रेफरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। परिवारजनों ने बताया कि ओ नेगेटिव ग्रुप का खून चढ़ने के बाद गर्भवती महिला की हालत बिगड़ी। उसके यूरीन से खून आ रहा था। सांस फूल रही थी। चक्कर व कमजोरी भी थी। गर्भस्थ शिशु पेट में कम घूम रहा था।
भाई ने रक्तदान कर जच्चा-बच्चा की बचाई जान
ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुब्रत चन्द्रा ने बताया कि महिला के ब्लड ग्रुप की विस्तृत जांच कराई। जिसमें बाम्बे ब्लड ग्रुप की का पता चला। यह अनुवांशिक होता है। इस मरीज को केवल यही रक्त का ग्रुप ही चढ़ाया जा सकता है। गर्भवती का हीमोग्लोबिन 5.1 पाया गया। इसके बाद विभाग ने गर्भवती के पूरे परिवार की खून के नमूने की विस्तृत जांच की गई। भाई में बाम्बे ब्लड ग्रुप की पुष्टि हुई। तत्काल भाई ने रक्तदान किया। उस रक्त को चढ़ाकर जच्चा-बच्चा की जान बचाई जा सकी।
गलत ग्रुप का खून चढ़ने से बिगड़ी थी हालत
डॉ. सुब्रत ने बताया कि रायबरेली में गर्भवती महिला के खून की विस्तृत जांच हुई। सामान्य जांच में ओ नेगेटिव की पुष्टि हुई। इसी आधार पर उसे एक यूनिट ओ नेगेटिव ग्रुप का खून वहां चढ़ा दिया। जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ी। उन्होंने कहा कि यदि किसी का ब्लड ग्रुप ओ नेगेटिव पाया जाता है तो उसे विस्तृत जांच भी करानी चाहिए। मातृ शिशु रेफरल हॉस्पिटल में पहली बार बाम्बे ब्लड ग्रुप के मरीज कोखूनचढ़ायागया।