देव दीपावली पर प्रयागराज में होगा त्रिवेणी महोत्सव, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का होगा आयोजन
इस बार देव दीपावली पर प्रयागराज का प्रसिद्ध त्रिवेणी महोत्सव फिर से होगा। इस कार्यक्रम को कराने के लिए बुधवार को जिला संस्कृति एवं पर्यटन परिषद की बैठक में प्रस्ताव रखा गया। परिषद ने इस कार्यक्रम को एक बार फिर कराने के लिए अनुमोदन लिया गया है।
इस बार देव दीपावली पर प्रयागराज का प्रसिद्ध त्रिवेणी महोत्सव फिर से होगा। इस कार्यक्रम को कराने के लिए बुधवार को जिला संस्कृति एवं पर्यटन परिषद की बैठक में प्रस्ताव रखा गया। परिषद ने इस कार्यक्रम को एक बार फिर कराने के लिए अनुमोदन लिया गया है। हालांकि इसका नाम त्रिवेणी महोत्सव या प्रयागराज महोत्सव रखा जाए, इस पर अगली बैठक में निर्णय होगा। इसके साथ ही धार्मिक व सांस्कृतिक नगरी प्रयागराज का एक विशेष लोगो जन सहभागिता से तैयार किया जाएगा।
बुधवार को संगम सभागार में जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल की अध्यक्षता में जिला संस्कृति एवं पर्यटन परिषद की बैठक हुई। कई महत्वपूर्ण फैसले हुए हैं। जिसमें सबसे खास त्रिवेणी महोत्सव को पुनर्जीवित करने की बात हुई है। वर्ष 2012-13 तक आयोजित हुआ त्रिवेणी महोत्सव प्रयागराज के सबसे खास सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल था। इसे एक बार फिर से कराने की तैयारी है। परिषद में अफसरों ने कहा कि जब देव दीपावली का आयोजन किया जाता है तब इस आयोजन को भी कराया जाए। साथ ही में होने वाले इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक आयोजन होंगे, जिसमें देश के बड़े कलाकारों को आमंत्रित किया जाएगा।
इसके साथ ही भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत प्रयागराज का एक लोगो व टैग लाइन तैयार किया जाएगा। जिसे जिला संस्कृति एवं पर्यटन परिषद का अनुमोदन लिया गया। इस लोगो के लिए प्रयागराज के फाइन आर्ट के छात्रों व अन्य कलाकारों, एनजीओ का सहयोग लिया जाएगा। जो प्रविष्टियां आएंगी, इसमें चयनित प्रविष्टि को नकद पुरस्कार भी दिया जाएगा। जिला प्रशासन व अन्य नागरिकों की समिति इसमें से एक लोगो को चयनित करेगी। लोगो व टैग लाइन का प्रचार प्रसार किया जाएगा। बैठक में एडीएम वित्त एवं राजस्व विनय कुमार सिंह, सदस्य एसपी सिंह बघेल, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह आदि कीउपस्थितिरही।
भरद्वाज जयंती मनाई जाएगी
भरद्वाज कॉरिडोर बनाने के साथ ही भरद्वाज जयंती भी मनाई जाएगी। राष्ट्रीय रामायण मेला शृंग्वेरपुर धाम में कराने का अनुमोदन लिया गया। जन प्रतिनिधियों के प्रस्तावों को शासन को भेजने पर भी सहमति बनी है। सभी आयोजन शासन की गाइड लाइन के अनुसार कराए जाएंगे, जिससे बाद में भुगतान की समस्या न हो।