सिपाही बनने की चाहत में किया फर्जीवाड़ा, सत्यापन में खुली पोल, पहुंच गए जेल
- यूपी के अगारा में यूपी पुलिस भर्ती के लिए फर्जीवाड़ा का मामला समाने आया है। यहां सिपाही बनने के लिए अपनी उम्र पूरी करने के लिए दूसरी बार हाईस्कूल किया था। सत्यापन के दौरान पकड़ा गया आरोपित जेल पहुंच गया।
आगरा में सिपाही बनने की चाहत में अभ्यर्थी ने फर्जीवाड़ा किया था। अपनी उम्र पूरी करने के लिए दूसरी बार हाईस्कूल किया था। सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा पास कर ली। प्रमाणपत्र सत्यापन और फिजिकल स्टेटिक टेस्ट के दौरान पुलिस लाइन में पकड़ा गया। शाहगंज थाने में आरोपित के खिलाफ मुकदमा लिखाया गया। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया।
आगरा डीसीपी मुख्यालय अली अब्बास ने बताया कि धर्मपुरा, मथुरा निवासी प्रदीप सिंह को गुरुवार को पकड़ा था। उसके खिलाफ शाहगंज थाने में मुकदमा लिखा गया है। मुकदमा पुलिस लाइन में तैनात दरोगा नवनीत गौड़ ने लिखाया है। प्रदीप सिंह ने पहली बार हाईस्कूल की परीक्षा वर्ष 2013 में पास की थी। उसकी जन्मतिथि मई 1998 है। सिपाही भर्ती सहित अन्य परीक्षाओं में आवेदन के लिए प्रदीप सिंह ने वर्ष 2020 में दोबारा हाईस्कूल की परीक्षा दी। इस बार उसने अपनी जन्मतिथि जुलाई 2005 रखी। पुलिस भर्ती के लिए आवेदन किया। लिखित परीक्षा पास कर ली। पुलिस लाइन में लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र का सत्यापन किया जा रहा है।
सख्ती का असर, प्रतिदिन एक दर्जन अनुपस्थित
पुलिस लाइन में डीवी/पीएसटी के दौरान एक-एक अभ्यर्थी के दस्तावेजों की जांच गहनता से की जा रही है। पूर्व में एक अभ्यर्थी और उसके दो साथी पकड़े गए थे। अभ्यर्थी ने सिपाही बनने के लिए फर्जीवाड़ा किया था। पुलिस की सख्ती का असर प्रतिदिन देखने को मिल रहा है। डीसीपी मुख्यालय अली अब्बास ने बताया कि प्रतिदिन करीब एक दर्जन अभ्यर्थी अनुपस्थित रह रहे हैं। इसी वजह सख्ती मानी जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि जिन अभ्यर्थियों को पकड़े जाने का डर है वे आने से कतरा रहा है। कुछ ऐसे भी हैं जिनका चयन कहीं और हो गया होगा। अभी यह साफ नहीं है कि जो अभ्यर्थी अनुपस्थित रह रहे हैं उसकी वजह क्या है।
इस दौरान उनका फिजिकल स्टेटिक टेस्ट भी होता है। तीन बोर्ड बनाए गए हैं। प्रदीप सिंह के प्रमाणपत्रों की पहले जांच की गई। उसके बाद उसका बायोमीट्रिक्स हुआ। बायोमीट्रिक्स में उसकी पोल खुल गई। शक होने पर उसे हिरासत में लिया गया। उससे पूछताछ की गई। उसने पहले गुमराह किया। उसके बैग की तलाशी ली गई। दो आधार कार्ड मिले। आरोपित ने पूछताछ में बताया कि नौकरी पाने के लिए उसने ऐसा किया। लिखित परीक्षा पास होने के बाद उसे लग रहा था कि सिपाही की वर्दी भी मिल जाएगी। उसे उम्मीद नहीं थी कि उसकी पोल खुल जाएगी।