यूपी के शायर जॉन एलिया पर बन रही डाक्यूमेंट्री फिल्म, टीवी और ओटीटी प्लेटफार्म पर देख सकेंगे
जल्द ही पर्दे पर जॉन एलिया के जीवन के अनछुए पहलू दिखेंगे। यूपी के अमरोहा के नामचीन शायर जॉन एलिया पर डाक्यूमेंट्री फिल्म बन रही है। इस फिल्म को लोग टेलीविजन और ओटीटी प्लेटफार्म पर देख सकेंगे।
हम आंधियों के वन में किस कारवां के थे, जाने कहां से आए हैं, जाने कहां के थे। मिलकर तपाक से न हमें कीजिए उदास, खातिर न कीजिए, कभी हम भी यहां के थे....यह थी जॉन एलिया की शायरी। अमरोहा के इस नामचीन शायर के जीवन के अनछुए पहलू अब जल्द ही छोटे पर्दे पर दिखाई देंगे। जी हां, टेलीविजन और ओटीटी प्लेटफार्म के लिए वारियट प्रॉडक्शन प्रा. लिमिटेड जॉन एलिया पर डाक्यूमेंट्री फिल्म बना रहा है, जिसकी शनिवार को रामपुर में शूटिंग की गई।
उर्दू-अदब की दुनिया की मशहूर और मारूफ शख्सियत जॉन एलिया का ताल्लुक बरतानिया हुकूमत के अधीन मुरादाबाद जिले की परगना अमरोहा से था। उनका जन्म अमरोहा के मुहल्ला लकड़ा में हुआ, उनके पुस्तैनी मकान को कमाल अमरोहवी ने खरीदा था और वे जब-जब आते थे, तो इसी मकान में ठहरते थे। बेशक, 1957 में जॉन एलिया किन्हीं कारणों से पाकिस्तान चले गए। लेकिन, उनका दिल हमेशा हिन्दुस्तान के लिए ही धड़कता रहा। जॉन एलिया अपने वतन से इतनी मुहब्बत करते थे कि जब 1988 में वह अमरोहा की सरजमीं पर उतरे तो रेलवे स्टेशन पर ही लेट गए और सिर पर अमरोहा की मिट्टी रखकर आंखें नम कर ली थीं।
आम आदमी के दर्द को अपनी शायरी के जरिए पेश करने वाले जॉन एलिया पर न सिर्फ अमरोहा बल्कि, पूरा मंडल ही फक्र करता है। अब उनकी शायरी से लेकर उनके जीवन तक के तमाम अनछुए पहलू छोटे पर्दे पर दिखाई देंगे। जिसके लिए डाक्यू फिल्म बनाई जा रही है। सतेंद्र चौहान के निर्देशन में बन रही इस डाक्यूमेंट्री फिल्म का कांसेप्ट नवेद खान का है जबकि, स्टोरी शबाब हैदर की है। इसके प्रोड्यूसर आरिफ नूरी हैं जबकि डीओपी फैसल सिद्दीकी हैं।
अमरोहा से लेकर रामपुर तक हुई शूटिंग
लेखन एवं निर्देशन कर रहे सतेंद्र चौहान बताते हैं कि उन्होंने अमरोहा में जॉन एलिया के पुश्तैनी मकान से लेकर मुहल्ला लकड़ा, वकारुल मुल्क गेट, शिया जामा मस्जिद, मदरसा सैयदुल मदारिस में शूटिंग की। वहीं मुरादाबाद के एमएच डिग्री कालेज में कुछ सीन शूट किए हैं। रामपुर के आदर्श रामलीला मैदान, राजकीय हामिद इंटर कालेज में भी शूटिंग की है।
नामचीन शायरों के लिए इंटरव्यू
जॉन की शायरी को जानने के लिए नामचीन शायरों के इंटरव्यू भी इस डाक्यू फिल्म का हिस्सा बनें हैं। जिनमें मंसूर उसमानी, मौलाना सियादत हुसैन, हाशिम रजा जलालपुरी, फराज अर्शी, नासिर जावेद, मुंतजिर फिरोजाबादी आदि के इंटरव्यू भी लिए हैं।
निर्देशक, सतेंद्र चौहान ने कहा कि जॉन एलिया ऐसी शख्सियत थे जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके जीवन के अनछुए पहलुओं, उनकी शायरी से आम लोगों और आने वाली पीढ़ी को रूबरू कराने के लिए हम लोग जॉन एलिया पर डाक्यू फिल्म तैयार कर रहे हैं, जिसकी शूटिंग समापन की ओर है। जल्द ही यह डाक्यू फिल्म टेलीविजन चैनलों और ओटीटी प्लेटफार्म पर दिखाई देगी।