मेरठ मेडिकल कॉलेज में बनेगा पीडियाट्रिक्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, जिला अस्पतालों में होगा बच्चों को इलाज
मेरठ मेडिकल कॉलेज में पीडियाट्रिक्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा। मेरठ मंडल और बिजनौर के सभी जिला अस्पताल और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इससे जुड़ेंगे। हर अस्पताल में विशेष निगरानी कक्ष बनेगा जो मेडिकल के केंद्र से जुड़ा रहेगा।
मेरठ के एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में जल्द पीडियाट्रिक्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस शुरू होने जा रहा है। ये सेंटर विशेष तौर पर छोटे बच्चों के लिए होगा। इसमें डॉक्टरों की विशेष टीम काम करेगी। इस सेंटर से मेरठ मंडल और बिजनौर के सभी जिला अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जोड़े जाएंगे। इसके बनने के बाद गंभीर बीमार बच्चों को मेडिकल कॉलेज नहीं लाना होगा। उन्हें जिला अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों पर ही मेडिकल कॉलेज जैसा विशेष इलाज दिया जा सकेगा।
इस सेंटर से मेरठ के आसपास के जिलों के 30 अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र जुड़ेंगे। वहां भर्ती होने वाले बीमार बच्चों के इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ डॉक्टर वहां के डॉक्टरों को ऑनलाइन परामर्श देंगे। इस प्रोजेक्ट के नोडल ऑफिसर और बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. नवरत्न गुप्ता ने बताया कि गंभीर मरीजों के लिए एक-एक पल कीमती होता है। इस सेंटर बनने के बाद गोल्डल ऑवर में ही इलाज उपलब्ध कराया जा सकेगा। इससे मरीज की जान बचाना आसान होगा। समय और पैसे की भी बचत होगी। साथ ही मेडिकल कॉलेज में भी मरीजों की भीड़ कम होगी। प्रदेश सरकार ने मेडिकल के बाल रोग विभाग में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के निर्माण को स्वीकृति दी है। काम शुरू हो चुका है।
हब और स्पोक मॉडल के रूप में चलेगा सेंटर
डॉ. नवरत्न गुप्ता ने बताया कि बाल रोग विभाग पीडियाट्रिक्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का हब होगा। यहां आठ कंप्यूटर और कैमरे लगाए जाएंगे। विशेषज्ञों का पैनल तैयार किया जाएगा। जिलों के अस्पताल स्पोक के रूप में काम करेंगे। वहां कंप्यूटर, कैमरे से लैस टीम होगी। जब कोई बच्चा भर्ती होगा तो वहां के डॉक्टर उसकी मेडिकल हिस्ट्री से मेडिकल के डॉक्टरों को अवगत कराएंगे। मेडिकल में बैठे डॉक्टर बच्चे और उसकी रिपोर्ट को ऑनलाइन देख इलाज के बारे में परामर्श देंगे।