मेरठ में धर्मस्थल पर चला बुलडोजर, रात में ही गाड़ियां लगवाकर हटवाया मलबा
- मेरठ के दिल्ली रोड पर धार्मिक स्थल को हटाने के बाद रात को ही कई गाड़ियां लगाकर मलबा को हटाने का काम शुरू करा दिया गया। देररात करीब दो बजे तक मलबा हटाया जाता रहा। इस दौरान लगातार फोर्स वहीं बनी रही।
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मेरठ के दिल्ली रोड पर धार्मिक स्थल को हटाने के बाद रात को ही कई गाड़ियां लगाकर मलबा को हटाने का काम शुरू करा दिया गया। देररात करीब दो बजे तक मलबा हटाया जाता रहा। इस दौरान लगातार फोर्स वहीं बनी रही। दूसरी ओर, शहर में भी चौकसी बढ़ा दी गई है। इस संबंध में देर रात 1.30 बजे डीएम और एडीएम सिटी से संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
सादे कपड़ों में तैनात रही पुलिस फोर्स
सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों को गलियों में तैनात कर दिया गया ताकि निगरानी की जा सके। कुछ इंजीनियर की मौजूदगी में इस धर्मस्थल को बुलडोजर चलाकर हटा दिया गया। शहर में सुरक्षा के निर्देश: इस कार्रवाई के साथ ही अधिकारियों ने शहर भर में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने को लेकर निर्देश दिए। वहीं शुक्रवार रात भी अफसर अलर्ट पर रहे। शनिवार को भी आसपास के इलाके में पुलिस फोर्स की तैनात रखने के निर्देश दिए गए हैं।
एडीएम से मिला था प्रतिनिधिमंडल
धार्मिक स्थल के प्रबंधन का दावा है यह धर्म स्थल करीब 168 साल पुराना है। 1885 के इसकी जमीन की रजिस्ट्री के कागजात उपलब्ध है। कमेटी ने कहा हम अपने आप इस धर्मस्थल को हटा रहे हैं, लेकिन हमारे पास इसके दस्तावेज हैं, जो इसकी ऐतिहासिकता साबित करते हैं। हम चाहते हैं प्रशासन हमें इसके बदले दूसरी जगह जमीन मुहैया कराए। प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को इसे लेकर एडीएम से मिला था। शनिवार को भी अफसरों से मिलेंगे।
हाईवे के लिए भी हटाए गए थे दो धार्मिक स्थल
मेरठ-मुजफ्फरनगर हाईवे 58 के चौड़ीकरण में बाधा बन रहे दो धार्मिक स्थलों को भी पुलिस प्रशासन ने दिल्ली रोड की तरह से समाज के लोगों के साथ आपसी सहमति से दूर किया था। खड़ौली में धार्मिक स्थल को समाज के लोगों ने खुद ही हटाया था। गांव डाबका कट स्थित एक धार्मिक स्थल को भी इसी तरह हटाया गया था। वहीं दूसरी ओर दिल्ली रोड स्थित यह धार्मिक स्थल रैपिड रेल कॉरिडोर के बीच आ रहा था।
प्रशासन ने रातभर धर्म स्थल के प्रबंधन के साथ मीटिंग की। देर रात प्रबंधन ने सहमति दी और नजीर पेश करते हुए स्वयं इस धार्मिक स्थल के उस हिस्से पर हथौड़ा चलवा दिया, जो रैपिड प्रोजेक्ट के लिए निर्माण कार्य में बाधा बन रहा था। इससे पहले करीब पांच साल पूर्व एनएच-58 का चौड़ीकरण काफी समय से हाईवे पर दो धार्मिक स्थलों के कारण अटका हुआ था। जिला प्रशासन ने इसके प्रबंधकों को बात कर राजी कर लिया था। इन धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों ने खुद ही हाईवे में आ रहे इस निर्माण के हिस्से को तोड़ना शुरू कर दिया था।
शहर काजी, प्रोफेसर जैनुस साजिद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि अगर कोई धर्म स्थल की जगह सरकारी प्रोजेक्ट में आ गई है तो सरकार पहले देखे ले कि क्या कुछ इस तरह से समायोजन हो सकता है कि धार्मिक स्थल भी बना रहे और प्रोजेक्ट का काम भी हो जाए तो बेहतर है। वहीं, धार्मिक स्थल से जुड़ी कमेटी का कहना है कि सड़क चौड़ीकरण के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए दिल्ली रोड पर जगदीश मंडप के पास करीब 168 साल पुराने धार्मिक स्थल के साजो समान को लोगों ने खुद हटाना शुरू कर दिया। इस धार्मिक स्थल के बदले जगह की मांग की गई है। इसे लेकर आज प्रतिनिधिमंडल अफसरों से मिलेगा।