मेडिकल कॉलेजों की नर्सों को नर्सिंग और ड्रेस अलाउंस की आस जगी, हाईकोर्ट में पहुंचा मामला
उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेज और सरकारी अस्पतालों में तैनात नर्सों के लिए राहत की खबर है। मेडिकल कॉलेज की नर्सों को जल्द ही नर्सिंग अलाउंस व ड्रेस अलाउंस मिल सकता है। हाइकोर्ट इसे लेकर संजीदा है।
उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेज और सरकारी अस्पतालों में तैनात नर्सों के लिए राहत की खबर है। मेडिकल कॉलेज की नर्सों को जल्द ही नर्सिंग अलाउंस व ड्रेस अलाउंस मिल सकता है। हाइकोर्ट इसे लेकर संजीदा है। ऑल इंडिया रजिस्टर्ड नर्स फेडरेशन ने इसके लिए हाईकोर्ट में अपील की थी। कोर्ट ने मामले में डीजीएमई को छह हफ्ते में फैसला लेने का निर्देश दिया है। इससे नर्सों के वेतन में करीब 12 हजार रुपये की वृद्धि हो जाएगी और प्रदेश की करीब 10 हजार नर्सों को इसका लाभ मिलेगा।
दरअसल केजीएमयू, एसजीपीजीआई, लोहिया संस्थान समेत चिकित्सा शिक्षा के बड़े संस्थानों में तैनात नर्सों को नर्सिंग और ड्रेस अलाउंस मिलता है। इन संस्थानों में तैनात नर्सों को नर्सिंग अलाउंस करीब 9200 रुपये और ड्रेस अलाउंस करीब 2500 रुपये मासिक मिलता है। यह हर महीने नर्सों को वेतन में जोड़ कर दिया जाता है। प्रदेश के दूसरे मेडिकल कॉलेज और नए बने मेडिकल कॉलेज की नर्सों को यह सुविधा नहीं मिल रही है।
छह हफ्ते में डीजीएमई को लेना है फैसला
मेडिकल कॉलेज के साथ जिला अस्पताल, पीएचसी, सीएचसी की नर्सों को भी यह अलाउंस मिलना है। इसे लेकर ऑल इंडिया रजिस्टर्ड नर्सेज फेडरेशन ने हाईकोर्ट में अपील की थी। फेडरेशन के राष्ट्रीय सचिव राघवेन्द्र कुमार ने बताया कि हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश अब्दुल मोइन ने मामले की सुनवाई की। उन्होंने आवेदकों को दो हफ्ते में डीजीएम के सामने पुन: अपना प्रत्यावेदन देने को कहा है। उसके बाद अगले छह हफ्ते में डीजीएमई को इस मामले में फैसला लेना है।
करीब 10 हजार नर्सों को मिलेगा लाभ
फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूरज गुप्ता बताया कि सूबे के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में तैनात करीब 10,000 नर्स इस आदेश से प्रभावित होंगी। सरकार की सहमति के बाद दोनों प्रकार के अलाउंस मिलाकर नर्सों के वेतन में हर महीने 12,000 रुपये की बढ़ोतरी हो जाएगी। हाईकोर्ट ने प्रदेश के 14 स्वशासी मेडिकल कालेज के लिए तो फौरन ही इस फैसले को लागू करने के निर्देश दिए हैं।