अपर मुख्य सचिव वन पर्यावरण मनोज सिंह के करीबियों पर कार्रवाई, सचिव आशीष तिवारी हटाए गए
उत्तर प्रदेश में अवैध स्लाटर हाउसों के संचालन का खेल खुलने के बाद कार्यवाहियों का सिलसिला जारी है। अब पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के सचिव आशीष तिवारी पर गाज गिरी है। साथ ही उनके निदेशक पर्यावरण एवं निदेशक नाइट सफारी के पद का अतिरिक्त प्रभार भी समाप्त हो गया है।
उत्तर प्रदेश में अवैध स्लाटर हाउसों के संचालन का खेल खुलने के बाद कार्यवाहियों का सिलसिला जारी है। अब पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के सचिव आशीष तिवारी पर गाज गिरी है। साथ ही उनके निदेशक पर्यावरण एवं निदेशक नाइट सफारी के पद का अतिरिक्त प्रभार भी समाप्त हो गया है। उन्हें प्रतीक्षारत कर दिया गया है। तिवारी लंबे समय तक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव रहे हैं, इसलिए इस कार्रवाई को स्लाटर हाउस प्रकरण से जोड़कर ही देखा जा रहा है। विभाग के अपर मुख्य सचिव रहे मनोज सिंह का भी उन्हें करीबी माना जाता है।
बता दें कि इस मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दो अधिकारी भी निलंबित हो चुके हैं। विभाग के नए प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया। आदेश में लिखा है कि आशीष तिवारी को सचिव पद से स्थानांतरित करते हुए प्रतीक्षारत कर दिया गया है। प्रदेश के आगरा, उन्नाव, बरेली, गाजियाबाद, मेरठ सहित कई अन्य जिलों में लगातार स्लाटर हाउस खोले जाने के मामले सामने आ चुके हैं। अधिकांश स्लाटर हाउसों को मनमाने तरीके से एनओसी जारी की गई।
सूत्रों का कहना है कि इस बार मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचने के बाद बड़ी कार्रवाई हुई है। रविवार के अवकाश के दिन अपर मुख्य सचिव मनोज सिंह पर गाज गिरी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अधिकारी विवेक राय, क्षेत्रीय अधिकारी डा. अनिल माथुर के निलंबन के साथ ही मनोज सिंह के प्रधान निजी सचिव राजीव कुमार को भी हटाया जा चुका है।अभी और हो सकती है कार्रवाईस्लाटर हाउस के इस खेल में अभी और कार्रवाई हो सकती है। मुख्यमंत्री की कड़ी नाराजगी के चलते विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। सूत्रों का कहना है कि इस पूरे खेल की गोपनीय ढंग से जांच कराई जा रही है। जिन भी लोगों की संलिप्तता मिलेगी, उन पर भी आने वाले दिनों में गाज गिर सकती है।