चिंता मत करिए एक घंटे में रुपये लौटा देंगे, आतंकी फंडिंग के नाम पर रिटायर एचएएल कर्मी से लाखों ठगे
- आतंकवादी संगठनों से संबंध होने का भय दिखाकर रिटायर एचएएल कर्मी को साइबर ठगों ने करीब दो घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा और 23 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। धमकी देने के लिए जालसाजों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया। झांसा दिया कि जांच के एक घंटा बाद रुपये वृद्ध के खाते में वापस आ जाएंगे।

आतंकवादी संगठनों से संबंध होने का भय दिखाकर रिटायर एचएएल कर्मी को साइबर ठगों ने करीब दो घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा और 23 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। धमकी देने के लिए जालसाजों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया। झांसा दिया कि जांच के एक घंटा बाद रुपये वृद्ध के खाते में वापस आ जाएंगे। एक दिन इंतजार करने के बाद भी रुपये खाते में वापस नहीं हुए तो पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
इन्दिरानगर सेक्टर-19 निवासी राजेश कुमार कुरील एचएएल से रिटायर हैं। 16 अप्रैल की सुबह अनजान नम्बर से कॉल आई। फोन करने वाले ने कहा कि राजेश के आधार कार्ड के जरिए बैंक ऑफ बड़ौदा में एक अकाउंट खोला गया है। उसका इस्तेमाल कर आतंकवादी संगठनों को फंडिंग हो रही है। यह बात सुन कर राजेश घबरा गए। उन्होंने दिल्ली में खाता होने की बात से इनकार किया। इस पर कॉलर गिरफ्तार करने की धमकी देने लगा।
वीडियो कॉल पर धमकाया
पीड़ित के मुताबिक पहली कॉल आने के बाद उन्हें व्हाटसऐप पर वीडियो कॉल की गई। कॉलर ने बताया कि वह दिल्ली सीबीआई से बोल रहा है। जांच की है। आपके संबंध आतंकवादियों से है। इसके सबूत मिले हैं पर आपकी उम्र अधिक है। इसलिए गिरफ्तारी से पहले एक मौका दे रहे हैं। इसके बाद कथित सीबीआई अधिकारी ने वृद्ध के बैंक ऑफ बड़ौदा मुंशीपुलिया ब्रांच में जमा 23 लाख रुपये की जांच करने की बात कही। पीड़ित के मुताबिक खाते में जमा कुल रकम की जानकारी भी ठगों को थी। इसलिए वह काफी घबरा गए थे।
चिंता मत करिए एक घंटे में रुपये लौटा देंगे
कथित सीबीआई अधिकारी ने करीब दो घंटे तक राजेश को डिजिटल अरेस्ट किया। इस दौरान परिवार और दोस्तों से दूर रहने की हिदायत दी। फिर बोला कि आप यूको बैंक हैदराबाद ब्रांच के एक अकाउंट नम्बर में रुपये जमा करें। सीबीआई की तरफ से आपके रुपये की जांच की जाएगी। सब कुछ सही मिलने पर एक घंटे बाद रुपये वापस अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए जाएंगे।
झांसे में फंस कर वृद्ध ने बैंक ऑफ बड़ौदा मुंशीपुलिया ब्रांच से बताए गए खाते में 23 लाख रुपये जमा किए। दिन भर इंतजार करने के बाद भी खाते में रुपये वापस नहीं आए। संदेह होने पर पीड़ित ने ऑनलाइन साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत करने के साथ साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। इंस्पेक्टर बृजेश यादव के मुताबिक ट्रांजेक्शन को फ्रीज कराने का प्रयास पुलिस कर रही है।