आयुष विभाग अस्पतालों में होगा सुधार, गड़बड़ी करने वाले अधिकारी होंगे अनिवार्य सेवानिवृत्त
आयुष विभाग के अस्पतालों का ढर्रा सुधारने को सरकार का रुख सख्त है। गड़बड़ी और अनुशासनहीनता करने वाले क्षेत्रीय आयुर्वेद और यूनानी अफसरों पर शिकंजा कसा जा रहा है।
आयुष विभाग के अस्पतालों का ढर्रा सुधारने को सरकार का रुख सख्त है। गड़बड़ी और अनुशासनहीनता करने वाले क्षेत्रीय आयुर्वेद और यूनानी अफसरों पर शिकंजा कसा जा रहा है। ऐसे 50 साल या उससे अधिक उम्र वाले चिकित्साधिकारियों को चिन्हित किया जाएगा। इन गड़बड़ी करने वाले आयुर्वेद और यूनानी अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्त किया जाएगा। वहीं बिना सूचना के ड्यूटी से गायब रहने वाले चिकित्साधिकारियों पर भी गाज गिरेगी। आयुष विभाग की प्रमुख सचिव ने यह निर्देश दिए हैं।
आयुर्वेद और यूनानी के तमाम अस्पतालों का बुरा हाल है। कमोवेश स्थिति तो तमाम होम्योपैथी अस्पतालों की भी ऐसी ही है। तमाम जगह डॉक्टर तैनात हैं, मगर जाते नहीं हैं। ऐसे में अस्पतालों और डिस्पेंसरियों पर ताले लटके हैं। इनमें से कइयों पर पिछले दिनों गाज भी गिर चुकी है। विभागीय मंत्री दयाशंकर दयालु भी इन दिनों लगातार अस्पतालों के दौरे कर रहे हैं। अब विभागीय समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव ने अनुशासनहीन क्षेत्रीय आयुर्वेद और यूनानी अधिकारियों को चिन्हित करने को कहा है। ऐसा कोई भी प्रकरण सामने आने पर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई की जाएगी।
बीते दिनों में जो मामले सामने आए हैं, उनमें कोई क्षेत्रीय आयुर्वेद अधिकारी दफ्तर नहीं जाता तो कोई शासन के निर्देशों के बावजूद दवा की खरीद नहीं करता। एक अधिकारी ने तो नियमों के विपरीत अपने समकक्ष चिकित्साधिकारी की ही छुट्टियां स्वीकृत कर दीं। कुछ ने डॉक्टरों को गायब रहने की छूट दे रखी है। इसके अलावा शासन ने बिना किसी उचित कारण के चिकित्सालय से गायब चिकित्साधिकारियों के खिलाफ भी अनुशासनिक कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।