वन विभाग ढूंढता रहा और ऑपरेशन टाइगर से 20 किमी दूर बाघ ने ले ली किसान की जान
खीरी में मंगलवार दोपहर मोहम्मदी (महेशपुर) वन रेंज में गन्ने के खेत में छिपकर बैठे बाघ ने किसान पर हमला कर उसकी जान ले ली। इस रेंज में एक माह के अंदर बाघ के हमले में यह तीसरी मौत है। इस घटना के बाद आक्रोशित गांववालों ने हंगामा कर दिया।
खीरी में मंगलवार दोपहर मोहम्मदी (महेशपुर) वन रेंज में गन्ने के खेत में छिपकर बैठे बाघ ने किसान पर हमला कर उसकी जान ले ली। इस रेंज में एक माह के अंदर बाघ के हमले में यह तीसरी मौत है। इस घटना के बाद आक्रोशित गांववालों ने हंगामा कर दिया। स्थानीय लोगों में दहशत है। मोहम्मदी वन रेंज के शाहपुर राजा गांव का 50 वर्षीय किसान प्रभुदयाल मंगलवार सुबह खेत पर चारा लेने गया था। दोपहर तक वह घर नहीं लौटा। ग्रामीण जब तलाश में गए तो उसकी साइकिल के पास खून मिला।
300 मीटर दूरी पर प्रभुदयाल का अधखाया शव बरामद हुआ। आशंका है कि प्रभुदयाल पर गन्ने में छिपकर बैठे बाघ ने हमला कर दिया और मार डाला। सूचना पर सीओ अरुण कुमार सिंह और रेंजर नरेशपाल सिंह टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उधर, बाघ के हमले को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने हंगामा किया। मोहम्मदी रेंज में बाघ के हमले में यह तीसरी मौतहै।
ऑपरेशन चलाता रहा वन विभाग 20 किमी. दूर बाघ ने ले ली जान
एक महीने से वन विभाग महेशपुर में ऑपरेशन टाइगर चला रहा है। जिस जगह पर विभाग अभियान चला रहा है, वहां से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर मंगलवार को बाघ ने हमला कर जान ले ली। एक माह के अंदर महेशपुर में बाघ के हमले में तीन लोगों की मौत के बाद गांव वालों में जबरदस्त आक्रोश है। गांव शाहपुर राजा निवासी मृतक के पुत्र अर्पित ने बताया कि उसके पिता प्रभु दयाल पुत्र रामस्वरूप मंगलवार को सुबह 8 बजे पशुओं के लिए चारा काटने नयागांव निवासी गुरु प्रीत सिंह के खेत पर गये थे।
प्रभु दयाल को दोपहर में परिवार के साथ शाहजहांपुर रिश्तेदारी में जाना था। घर वापस लौटने में देरी होते देख अर्पित ने खेत पर जाकर देखा, जहां साइकिल के पास पड़े कपड़े में खून लगा देखकर उसकी चीख निकल गई। वह भागकर घर पहुंचा और पूरा वाक्या बताया। इसके बाद परिवार के लोगों के साथ ग्रामीण मौके पर पहुंचे। तब तक बाघ किसान को लगभग 300 मीटर अंदर खींच ले गया, जहां उसने शिकार कर डाला था।
परिजन और ग्रामीणों ने शोर शराबा मचाते हुए खेत के अंदर से अधखाया शव बरामद कर घटना की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलने पर सीओ अरुण कुमार सिंह, निरीक्षक इंद्रजीत सिंह और वन विभाग की टीम दलबल के साथ मौके पर पहुंची। गांव वाले हंगामा काटते हुए बाघ पकड़े जाने तक शव देने से इनकार कर दिया। इससे प्रशासन के हाथ पैर फूल गए। मौके पर पहुंचे दर्जा राज्य मंत्री लोकेंद्र प्रताप सिंह द्वारा हर संभव सहायता उपलब्ध कराने की बात कह कर परिजनों को समझाकर मामला शांत कराया गया।
इसके बाद पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है। दो दिन से क्षेत्र में बाघ की सूचना होने पर वन विभाग समय से कार्रवाई करता तो शायद जान बच जाती। ग्रामीणों का कहना है क्षेत्र में बाघ होने की सूचना वन विभाग को दी गई थी, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। मृतक अपने पीछे पुत्री संजय कुमारी, पुत्र अर्पित और पत्नी रामशिला को रोते बिलखतेछोड़गयाहै।
वन विभाग को आशंका, हमलावर हो सकता है तेंदुआ
डीएफओ संजय विश्वाल ने बताया कि सूचना पर वन विभाग ने सघन कॉम्बिंग की। कॉम्बिंग के दौरान मृतक की चप्पल एवं हंसिया बरामद हुआ। निशानदेही पर की गयी छानबीन के बाद शव बरामद हुआ। ग्रामीणों को सतर्क करते हुये वन्यजीव की उपस्थिति का आंकलन करने के लिए सघन छानबीन की गयी। कॉम्बिंग के दौरान मिले पगमार्क से क्षेत्र में तेंदुए की मौजूदगी की संभावना जताई जा रही है।