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ऑपरेशन टाइगर: बाघ को पकड़ने के लिए बदला पैटर्न, पिंजरों और कैमरों की लोकेशन बदली, अब ये है प्लान

दक्षिण खीरी के महेशपुर वन रेंज में बाघ के हमले में दो लोगों की मौत होने के बाद अब वन विभाग ने भी अभियान का पैटर्न बदला है। अब तक सूर्योदय और सूर्यास्त तक ही विभाग ऑपरेशन चलाता था लेकिन अब दिन में भी बाघ के लिए सर्च ऑपरेशन चलेगा।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, लखीमपुरFri, 13 Sep 2024 07:57 AM
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दक्षिण खीरी के महेशपुर वन रेंज में बाघ के हमले में दो लोगों की मौत होने के बाद अब वन विभाग ने भी अभियान का पैटर्न बदला है। अब तक सूर्योदय और सूर्यास्त तक ही विभाग ऑपरेशन चलाता था लेकिन अब दिन में भी बाघ के लिए सर्च ऑपरेशन चलेगा। दूसरे हमले के बाद विभाग ने पिंजरों और कैमरों की लोकेशन बदल दी है। महेशपुर रेंज के बिलहरी बीट में दो हफ्ते में बाघ के हमले से दो मौतों के कारण इलाके में दहशत है। दोनों घटनाएं एक ही बीट में और तीन किलोमीटर के बीच मे होने के कारण वन टीम पर सवालिया निशान खड़े कर दिये हैं।

दूसरी घटना दिन में होने के कारण वन टीम ने अब काम्बिंग करने का पैटर्न बदल दिया है। वन टीम अब कानपुर से आये एक्सपर्ट के निर्देशन में बाघ को ट्रैंकुलाइज करने के लिये नई योजना बना रही है। वहीं, दुधवा के फील्ड डायरेक्टर ललित वर्मा और दक्षिण खीरी के डीएफओ संजय विश्वाल की अगुवाई में भी अभियान नए सिरे से शुरू किया गया है। अब तक वन टीम का कहना था कि बाघ सबेरे या फिर शाम को निकलता है, इसलिए सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सघन कांबिंग होती थी। वहीं, बुधवार को जब बाघ ने दोपहर में हमला कर दिया तो विभाग को अपना पैटर्न बदलना पड़ा है।

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कानपुर चिड़ियाघर से आए एक्सपर्ट नीतेश कटियार के निर्देशन में अब दिन की रोशनी में भी कांबिंग अभियान चलाया गया। वन विभाग की टीम ने मूड़ा अस्सी में एक पिंजरा लगा दिया और लोकेशन ट्रेस करने के लिए कैमरे भी लगाये गये। चार टीमें सिर्फ कांबिंग में लगाई गई हैं। गुरुवार को कांबिंग के दौरान वन्यजीव के पगमार्क और उपस्थिति नहीं पाई गई। इस मौके पर आईएफएस अपूर्व दीक्षित भी मौजूद रहे।

बता दें कि महेशपुर रेंज के बिलहरी बीट में बाघ ने मूड़ाअस्सी में बुधवार को गांव के युवक को उस समय हमला करके मौत के घाट उतार दिया था जब वह गन्ना बांधने के लिये गया था। इससे पहले इमलिया गांव में 27 अगस्त को गांव के युवक को बाघ ने निवाला बना लिया था। दोनों ही घटनाएं तीन किलोमीटर की दूरी में हुईं। इसके चलते वन विभाग की टीम की कांबिंग पर सवालिया निशानखड़ेहोगएथे।

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