Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP Jal Nigam Engineers Bank lockers from Lucknow to Delhi nine ACs in each house immense wealth found

जल निगम इंजीनियरों के लखनऊ से दिल्ली तक बैंक लॉकर, घरों में नौ-नौ एसी, मिली अकूत संपत्ति

यूपी के पांच रिटायर जल निगम इंजीनियरों के लखनऊ से दिल्ली तक बैंक लॉकर मिले हैं। घरों में नौ-नौ एसी लगे हैं। जेवरों की कीमत करोड़ों में, सभी के पास 25-30 लाख की दो-दो गाड़ियां हैं। विजिलेंस की टीम अकूत सम्पत्ति का मूल्यांकन कर रही है।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, लखनऊ, विधि सिंहThu, 3 Oct 2024 08:15 AM
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आमदनी अट्ठनी और खर्चा रुपया...नहीं सैकड़ों रुपया...वह भी खुल कर। चौंकिए नहीं कुछ ऐसी ही हकीकत से यूपी विजिलेंस के जांच अधिकारियों को दो-चार होना पड़ा रहा है। एक इंजीनियर के घर में नौ-नौ एसी, लाखों-करोड़ों के जेवर, लग्जरी कारें और एक ही इंजीनियर के प्रदेश के तीन जिलों में बैंक लाकर और इन लाकरों में अकूत संपत्ति व दस्तावेज़...। विजिलेंस जल निगम के इंजीनियरों के घर छापे में मिली संपत्ति का जोड़-घटना करने में जुटी है। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है। जांच अधिकारियों की आंखें फटी की फटी रह जा रही हैं।

उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की लखनऊ टीम को जल निगम के पांच रिटायर इंजीनियरों के पास अकूत सम्पत्ति मिली है। विजिलेंस ने छापे में मिले दस्तावेजों का बुधवार को ब्योरा तैयार कराया। दस्तावेजों से खुलासा हुआ कि लखनऊ के कई इलाकों, देवरिया, नोएडा, दिल्ली में महंगी जमीनें खरीदी गई है। लखनऊ से नोएडा तक कई बैंकों में लॉकर हैं। गोल्ड बॉण्ड में भी लाखों की रकम निवेश की गई। एक इंजीनियर की मोहनलालगंज में जमीन पर स्कूल चल रहा है।

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आठ लाख रुपये का सोफा, 30 लाख की कार
सिर्फ इतनी ही सम्पत्ति नहीं, घरों में मौजूद साज-सज्जा के महंगे सामानों की सूची भी तैयार कराई गई। इसमें पता चला कि एक रिटायर इंजीनियर के घर आठ लाख रुपये का सोफा, नौ-नौ एसी और 25 से 30 लाख रुपये की दो-दो गाड़ियां मिली। विजिलेंस अफसरों के मुताबिक इतनी महंगी दो-दो गाड़ियां रिटायर पांचों इंजीनियर के घरों पर मिलीं। इसके अलावा घरों में भी काफी जेवर मिले जिनकी कीमत दो करोड़ से अधिक आंकी जा रही है। जल निगम की इकाई कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सीएंडडीएस) से रिटायर इन इंजीनियरों में तीन अपनी तैनाती के समय परियोजना प्रबन्धक भी थे। इनके खिलाफ शासन के आदेश पर जांच हुई थी। इसी साल जून में विजिलेंस ने इनके खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति के अलग अलग मुकदमे दर्ज किए। विजिलेंस ने इनसे कई दस्तावेज मांगे थे लेकिन आनाकानी का रवैया देख विजिलेंस ने कोर्ट से सर्च वारंट लेकर मंगलवार को छापा मारा था।

बैंक लॉकर में मिले सामान की गणना गुरुवार को होगी
विजिलेंस के अफसरों के मुताबिक, लखनऊ और दिल्ली के बैंक में जिन लॉकरों का पता चला है, गुरुवार को उसमें रखे सामान का ब्योरा तैयार किया जाएगा। इसके लिए बैंक अफसरों से सम्पर्क करने के साथ ही सम्बन्धित रिटायर इंजीनियर को बता दिया गया है। विजिलेंस अफसरों का कहना है कि अभी बरामद जेवरों, घरों में मिले बेशकीमती सामान व गाड़ी की कीमतों का मूल्यांकन कराया जा रहा है।

इन रिटायर इंजीनियरों के घर पड़े थे छापे
इंदिरानगर सेक्टर-19 निवासी सहायक अभियंता राघवेन्द्र कुमार गुप्ता, इंदिरानगर सेक्टर सी निवासी अधीक्षण अभियंता सत्यवीर सिंह चौहान (मु.), निगम के मानव संसाधन विकास प्रकोष्ठ में तैनात रहे गोमनीनगर विशेष खंड निवासी तत्कालीन अधीक्षण अभियंता अजय रस्तोगी,एल्डिको ग्रीन निवासी परियोजना प्रबन्ध/सहायक अभियंता कमल कुमार खरबंदा और विकासनगर सेक्टर दो निवासी परियोजना प्रबन्ध/ सहायक अभियंता कृष्ण कुमार पटेल। अजय मूल रूप से बरेली के हाफिजगंज, कमल कुमार मध्य प्रदेश के रामपुर और कृष्ण कुमार प्रयागराज के मऊआईमा केरहनेवालेहैं।

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