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हॉफ एनकाउंटर पर फंसी यूपी पुलिस, कोर्ट में दी अर्जी- पुलिस ने अपहरण कर लूटा

गोंडा थाना पुलिस द्वारा गोकशी के आरोपी संग दिखाई गई मुठभेड़ पर सवाल खड़ा हो गया है। परिवार ने पुलिस पर आरोपी के अपहरण व उससे लूट का आरोप लगाकर अदालत में अर्जी दायर कर दी है।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, अलीगढ़Sat, 19 Oct 2024 11:07 AM
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उत्तर प्रदेश में चल रहे अपराधियों की टांग में गोली मारने के अभियान में नंबर बढ़ाने की होड़ में अक्सर पुलिस को फजीहत का सामना करना पड़ता है। इसी होड़ के क्रम में अपने जिले के गोंडा थाना पुलिस द्वारा गोकशी के आरोपी संग दिखाई गई मुठभेड़ पर सवाल खड़ा हो गया है। परिवार ने पुलिस पर आरोपी के अपहरण व उससे लूट का आरोप लगाकर अदालत में अर्जी दायर कर दी है। जिसमें सीसीटीवी फुटेज बतौर साक्ष्य पेश किए हैं। मामले में अदालत ने तारीख नियत कर दी है।

यह अर्जी टप्पल कस्बा के काजीपाड़ा की महिला मुन्नी की ओर से दायर की गई। अर्जी में एसएचओ गोंडा सुनील कुमार, एसएसआई नदीम मोहम्मद, एसआई रामेश्वर दायाल, सिपाही गौरव मलिक व अंकुश चौधरी और गाड़ी चालक होमगार्ड राम सिंह को आरोपी बनाया गया है। जिसमें कहा गया है कि महिला का बेटा मतीन अपनी बहन फुरकाना के पास सोकत मस्जिद फूलबाग अलवर राजस्थान में रहकर काम करता था।

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1 अक्तूबर की शाम मतीन बहन के घर से बाहर सिगरेट लेने आया था। तभी उसे सफेद रंग की कार में सवार होकर आए सादा कपड़े पहने पुलिसकर्मियों ने पकड़ लिया और कार में डालकर ले जाने लगे। वहां मौजूद लोगों ने जब विरोध किया तो उन्होंने पिस्टल निकालकर खुद को पुलिसकर्मी बताया और मतीन को कार में डालकर ले गए। जिस समय उसे ले जाया गया था, तब उसकी जेब में 31600 रुपये व एक मोबाइल था। यह पूरा वाकया शाम 64 बजे आसपास लगे सीसीटीवी में कैद हो गया। इसके बाद से परिजन मतीन को तलाशते रहे। मगर कहीं जानकारी नहीं मिली।

अगली सुबह एक नंबर से खुद को सरकारी वकील बताते हुए व्यक्ति का फोन टप्पल में मौजूद मतीन के भाई के मोबाइल पर आया कि मतीन के मुठभेड़ में गोली लगी है और वह जेएन मेडिकल कालेज में भरती है। इस जानकारी पर परिजन मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो मतीन ने बातचीत में बताया कि उसे कार में डालकर पुलिसकर्मी पहले गोंडा थाने लाए। फिर वहां से मुंह पर कपड़ा बांधकर किसी स्थान पर ले जाकर हाथ-पांव पकड़कर पांव में गोली मार दी। इस दौरान उसके पास से रुपये व मोबाइल गायब कर दिया। बाद में अस्पताल में उपचार कराकर जेल दाखिल कर दिया।

ये है मतीन पर आरोप, कुल नौ मुकदमे
मुठभेड़ में पैर में लगने पर जख्मी हुए मतीन पर गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने जो आरोप लगाया, वह इस प्रकार है। पुलिस रिकार्ड के अनुसार 14 सितंबर को गोंडा के नगला बिरखू इलाके में गोवंश अवशेष मिले थे। उसी घटना में मतीन का नाम सामने आया था। मुठभेड़ के दौरान उसके दो साथी खैर का अमान व सीलमपुर दिल्ली का नाजिम अंधेरे में भाग गए थे। मतीन पर कुल नौ मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें दो गोकशी से संबंधित हैं।

गिरफ्तारी की सूचना परिवार को नहीं दी
मामले में मुन्नी की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता एचपी सिंह का कहना है कि न तो बीएनएस नियमावली का पालन अलवर से मतीन को गिरफ्तार करते समय किया गया। वहां की पुलिस को जानकारी नहीं दी गई। न परिवार को गिरफ्तारी के बाद सूचना दी गई और न वीडियोग्राफी की गई। बाद में उसके कब्जे से वही होंडा सिटी कार बरामद होना दिखाया, जिसमें वे सवार थे। साथ में एक छुरा, रस्सी, सिरिंज, निडिल, तमंचा, कारतूस आदि बरामदगी दिखाई गई है। यह सब निराधार है। अदालत से पुलिसकर्मियों पर अपहरण व लूट का मुकदमा दर्ज करने का अनुरोध करते हुए अपील दायर की गई है। सीजेएम न्यायालय ने मामले में 22 अक्तूबर तारीख नियत कर दी है।

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