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रिटायर शिक्षिका को मुकदमे-गिरफ्तारी का दिखाया डर, डिजिटल अरेस्ट कर हड़पे लाखों

साइबर अपराधियों ने गोरखपुर की रिटायर शिक्षिका को डिजिटल अरेस्ट कर 3.10 लाख रुपये वसूले। मनी लॉन्ड्रिंग केस में नाम आने और गिरफ्तारी की बात कहते हुए महिला को अर्दब में लिया। बातचीत के दौरान ड्रग्स केस में भी नाम आने की बात कह डराया और रुपये ट्रांसफर कर दिए।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, वरिष्ठ संवाददाता, गोरखपुरThu, 26 Dec 2024 08:53 AM
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गोरखपुर के शाहपुर में गीता वाटिका के पास रहने वाली रिटायर शिक्षिका को मंगलवार को जालसाजों ने डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर जालसाजी कर दी। जालसाजों ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी का धौंस देकर अर्दब में लिया और फिर ड्रग्स केस में भी फंसाए जाने की घुड़की दी। करीब दो घंटे तक साइबर जालसाजों के चंगुल में रही और फिर उनके बताए खाते में 3.10 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिया। रुपये भेजने के बाद भी वह डरी हुई थी और फिर भांजी को पूरे घटना की जानकारी दी तब उसे ठगी की जानकारी हो सकी। पीड़िता ने साइबर थाने में शिकायत की, इसके बाद पुलिस ने खाते को सीज कर दिया और मामले की छानबीन कर रही है।

गीता वाटिका के पास रहने वाली 62 वर्षीय रिटायर शिक्षिका घर में अकेली ही रहती है। मंगलवार की दोपहर में उसके मोबाइल फोन पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को आईबी का अधिकारी बताया और मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच के दौरान महिला का नाम आने की जानकारी दी। कॉल करने वाले ने बताया कि ड्रग्स की भी जांच चल रही है, उसमें भी आप का नाम आ रहा है। यह सुनने के बाद रिटायर शिक्षिका डर गई। फिर उसके पास एक वीडियो कॉल आया, उसे रिसीव किया तो स्क्रीन पर उस तरफ कुछ लोग पुलिस अफसरों की वर्दी में नजर आए। इसके बाद वह और डर गई फिर रोने लगी। मदद की गुहार लगाने लगी तो ठग ने मदद के लिए रुपये भेजने को कहा।

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उसने महिला को बताया कि रुपये आने के बाद वह अपने बड़े साहब से बात कर लेगा और फिर मामले को रफा-दफा करा दिया जाएगा। डरवश महिला उसकी बातों में आ गई और फिर फोन कट गया। फिर उसके पास एक कॉल आयी और फिर से रुपये भेजने के लिए खाता नंबर दिया गया। इसके बाद पीड़िता ने बताए गए खाते में जाकर रुपये भेज दिए। रुपये भेजने के बाद पीड़िता ने अपनी भांजी को घटना के बारे में बताया। उसने जालसाजी की बात कहते हुए एक परिचित डॉक्टर से संपर्क किया। डॉक्टर की मदद से महिला साइबर थाने पहुंची और फिर पुलिस ने खाते को सीज कराकर जांच शुरू कर दी है।

पहले भी सामने आई हैं घटनाएं

- 30 अक्तूबर : रामगढ़ताल इलाके में रहने वाले रिटायर जज को डिजिटल अरेस्ट कर जालसाजी की कोशिश की गई।

•- 14 अक्तूबर : एमएमएमयूटी की छात्रा को डिजिटल अरेस्ट कर वसूली की गई। उसका अश्लील फोटो भी लिया गया।

- 30 सितंबर : कैंट इलाके में रहने वाले रिटायर डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर दो लाख की वसूली की कोशिश की गई।

- 08 अगस्त : रामगढ़ताल क्षेत्र के विजयेंद्र कुमार पांडेय को चार दिन डिजिटल अरेस्ट कर 30 लाख की ठगी की गई।

- 14 मई : सिविल लाइंस इलाके के एक स्कूल की प्रिंसिपल को डिजिटल अरेस्ट कर 12.56 लाख की जालसाजी हुई।

ऐसे करें बचाव

- कूरियर, ड्रग्स, मनी लांड्रिंग का मामला बता कर कोई कॉल करे तो तत्काल फोन काट दें और पुलिस को जानकारी दें

- मेल या व्हाट्सएप पर भेजे गए किसी अनजान लिंक को क्लिक न करें

- किसी के द्वारा भेजी गई एपीके फाइल को इंस्टाल/डाउनलोड न करें

- सभी खाते, यानी जीमेल व सोशल मीडिया, इन सभी के लिए टू वे वेरिफिकेशन फीचर ऑन रखें

- व्हाट्सएप पर एक सुविधा होती है कि पांच सेकंड में अज्ञात नंबर को साइलेंट कर सकते हैं। इसका इस्तेमाल करें।

- अगर किसी अज्ञात नंबर से गलत कॉल आताी है तो संचार साथी की वेबसाइट पर 'चक्षु' पर क्लिक करें। वहां रिपोर्ट होने के बाद फर्जी नंबर ब्लॉक हो जाएंगे। वे आगे अपराध नहीं कर सकेंगे।

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