UP Floods: गंगा-यमुना के जलस्तर में गिरावट से राहत, गांवों से बाढ़ का पानी निकला
UP Floods: यूपी के प्रयागराज में गंगा-यमुना के जलस्तर में गिरावट से राहत मिली है। कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी अब निकल रहा है। शाम 6 बजे स्लूज गेट भी खोला गया। हालांकि कई इलाकों में अभी भी पानी निकलना नहीं शुरू हुआ है।
प्रयागराज में पिछले कुछ दिनों से लगातार उफान पर रहीं गंगा-यमुना के जलस्तर में शुक्रवार को गिरावट दर्ज की गई। सुबह से जलस्तर कम होने से शहर से बाढ़ का खतरा फिलहाल टलता दिख रहा है। अफसरों ने पीछे के सभी बांधों की स्थिति के बारे में जानकारी ली। माना जा रहा है कि अब बाढ़ का खतरा तभी होगा, जब पहाड़ों पर झमाझम बारिश होगी। शाम छह बजे स्लूज गेट को भी खोल दिया गया है।
पिछले कुछ दिनों से गंगा और यमुना के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही थी। ऐसे में जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा था। लेकिन शुक्रवार सुबह से जलस्तर में कमी होने लगी। नैनी में सुबह आठ बजे यमुना का जलस्तर 81.70 मीटर दर्ज किया गया। जो गुरुवार सुबह आठ बजे की तुलना में 42 सेंटीमीटर कम हुआ। वहीं छतनाग में गंगा का जलस्तर 81.14 मीटर रिकॉर्ड किया गया। यहां भी 24 घंटे में 42 सेंटमीटर जलस्तर कम हुआ। इसके बाद हर चार घंटे में 10 से 12 सेंटीमीटर की गिरावट हुई।
फाफामऊ में जरूर जलस्तर एक-एक सेंटीमीटर के हिसाब से कम हो रहा है, लेकिन छतनाग से गंगा का जल तेजी से निकलने के कारण फाफामऊ से कोई परेशानी नहीं दिख रही है। सिंचाई विभाग के अफसरों ने बताया कि दोपहर बाद पहाड़ों के और पीछे के सारे बैराजों का हाल लिया गया है। कहीं भी इतना पानी नहीं है जिससे फिलहाल बाढ़ का खतरा हो सके। अब पहाड़ों पर भारी बारिश ही होने की दशा में बाढ़ का खतरा होगा। फिलहाल राहत दिख रही है। वहीं शाम छह बजे स्लूज गेट को खोल दिया गया। जिससे शहर के भीतर बारिश और नालों का पानी भी अब सीधे दूसरे छोर पर जा रहा।
एनडीआरएफ ने बाढ़ में फंसे नौ घोड़ों को बचाया
एनडीआरएफ की टीम ने फाफामऊ में शुक्रवार को बाढ़ के पानी में फंसे नौ घोड़ों को सकुशल बाहर निकाला। दरअसल निरीक्षक अनिल कुमार के नेतृत्व में शुक्रवार को टीम बाढ़ग्रस्त क्षेत्र के निरीक्षण के लिए फाफामऊ घाट से तीन बोट गंगा में पेट्रोलिंग पर थी। इसी दौरान जिला प्रशासन से सूचना मिली कि मलाका क्षेत्र गंगा के बाढ़ क्षेत्र में कुछ जानवर फंसे हैं। टीम कमांडर के निर्देशानुसार एनडीआरएफ टीम तत्काल घटनास्थल पर पहुंची और बाढ़ के पानी में घिरे नौ घोड़ों को सकुशल बाहर निकाला।