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बिजली निजीकरण के विरोध में यूपी में आज मनेगा काला दिवस, कर्मी बनाएंगे मानव श्रृंखला

  • यूपी में बिजली निजीकरण के विरोध में आज काला दिवस और मानव श्रृंखला बनाई जाएगी। मंगलवार को यूपी को छोड़ देशभर के बिजलीकर्मियों ने एक घंटे कार्य बहिष्कार किया था। नववर्ष पर चेयरमैन और दो प्रबंध निदेशकों का सामाजिक बहिष्कार करने का ऐलान किया है।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, विशेष संवाददाता, लखनऊWed, 1 Jan 2025 07:38 AM
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उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और राजस्थान में बिजली निजीकरण के विरोध में मंगलवार को देशभर के बिजलीकर्मियों ने एक घंटे का कार्य बहिष्कार किया। इस कार्य बहिष्कार में उत्तर प्रदेश के बिजलीकर्मी शामिल नहीं थे। यहां के बिजली कर्मी नये साल के पहले दिन बुधवार को काला दिवस मनाएंगे। जिसके तहत कर्मचारी बांह पर कालीपट्टी बांधेंगे और मानव श्रृंखला बनाएंगे। निजीकरण के विरोध का नेतृत्व कर रहे विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उत्तर प्रदेश ने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के चेयरमैन डा. आशीष कुमार गोयल के साथ ही बिजलीकर्मियों का बेवजह निलंबन और उत्पीड़न करने वाले पश्चिमांचल और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक का नये वर्ष पर सामाजिक बहिष्कार का ऐलान किया है। बिजली कर्मचारियों का कोई भी संगठन अथवा कर्मचारी इन्हें नववर्ष की शुभकामनाएं देने नहीं जाएगा।

भोजनावकाश के समय बनाएंगे मानवश्रृंखला
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के मुताबिक एक जनवरी को बिजली कर्मी भोजनावकाश के दौरान अपने कार्यालय के बाहर आकर काली पट्टी बांधे हुए मानव श्रृंखला बनाएंगे। बिजली निजीकरण के खिलाफ शांतिपूर्वक अपना विरोध दर्ज करेंगे।

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महाकुंभ के दौरान श्रेष्ठतम योगदान देंगे बिजलीकर्मी
संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति पूर्ण विश्वास व्यक्त करते हुए कहा है कि पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन और प्रबंधन बड़े पैमान पर बिजलीकर्मियों को दंडित कर टकराव का वातावरण बना रहा है लेकिन बिजलीकर्मी महाकुंभ के दौरान बिजली व्यवस्था बनाए रखने में अपना श्रेष्ठतम योगदान करने के लिए संकल्पित हैं। बिजली व्यवस्था में किसी भी प्रकार का व्यवधान न हो इसके लिए बिजलीकर्मी लगातार सजग रहेंगे।

यूपी में निजीकरण की कार्यवाही शुरू होते ही होगा राष्ट्रव्यापी आंदोलन
नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर सोमवार को देश भर के बिजली कर्मियों ने दोपहर 12.00 से 1.00 बजे तक कार्य बहिष्कार कर उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और राजस्थान के बिजली कर्मचारियों के समर्थन में अपनी एकजुटता दिखाई।

ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे, ऑल इंडिया पॉवर डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष आरके त्रिवेदी आदि ने बताया है कि चंडीगढ़ में 20 हजार करोड़ रुपये की बिजली परिसम्पत्तियां मात्र 871 करोड़ रुपये में निजी कम्पनी को सौंपे जाने के विरोध में चंडीगढ़ के बिजली कर्मचारियों के साथ आम उपभोक्ता भारी संख्या में सड़को पर हैं।

राजस्थान में विद्युत वितरण के निजीकरण की बिडिंग प्रक्रिया बड़े पैमाने पर शुरू कर दी गई है। उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों के साथ हुए दो समझौतों का खुला उल्लंघन करते हुए पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की घोषणा की जा चुकी है।

निर्णय लिया गया है कि उत्तर प्रदेश में निजीकरण की कोई भी एकतरफा कार्यवाही प्रारम्भ की गई तो देश के 27 लाख बिजली कर्मी मूकदर्शक नहीं रहेगें और यूपी के बिजलीकर्मियों के समर्थन में देशव्यापी आंदोलन प्रारम्भ कर देंगे।

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