Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP DGP Prashant Kumar gave these instructions to SPs and Police Commissioners of all districts under the new law

यूपी डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी-पुलिस कमिश्नरों को नए कानून के तहत दिए ये निर्देश

  • यूपी डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी और पुलिस कमिश्नरों को नए आपराधिक कानून के तहत निर्देश दिए हैं। एसपी और पुलिस कमिश्नरों को पत्र भेज दिए गए हैं। इसके साथ ही कार्यशाला के आयोजन का भी निर्देश दिया है।

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तानTue, 7 Jan 2025 08:07 AM
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उत्तर प्रदेश में अगर वांछित अपराधी की गिरफ्तारी किसी दूसरे जिले से होती है तो वहां की पुलिस को सूचना जरूरी दी जाएगी। साथ ही जिस कोर्ट से गिरफ्तार अपराधी का वारन्ट जारी हुआ है, वह कोर्ट अगर 30 किलोमीटर से दूर है तो गिरफ्तारी वाले जिले की संबंधित कोर्ट से ट्रांजिट रिमाण्ड भी अवश्य लिया जाएगा। नए अपराधिक कानून के तहत दूसरे जिले में गिरफ्तारी होने पर तय किये प्रावधान के बारे में यूपी डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी व पुलिस कमिश्नरों को ये निर्देश दिए हैं।

डीजीपी प्रशांत कुमार ने सभी जिलों के एसपी और पुलिस कमिश्नरों को भेजे पत्र में निर्देश दिया है कि जहां गिरफ्तारी की गई है, अगर वहां से वारंट जारी करने वाली कोर्ट 30 किमी के अंदर है तो वहीं मजिस्ट्रेट अथवा डीएम-पुलिस कमिश्नर की कोर्ट में आरोपी को पेश किया जाएगा। अगर किसी दूसरे जिले के थाने में आरोपी को गिरफ्तारी के बाद रखा गया है तो उस जिले के वरिष्ठ अधिकारी को भी सूचना जरूर दी जाएगी।

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हर जिले में कार्यशाला होगी

डीजीपी प्रशांत कुमार ने सभी पुलिस अधीक्षकों और कमिश्नरों को भेजे गए पत्र में यह भी निर्देश दिया है कि नए कानून में धारा-82 के तहत आने वाले प्रावधानों से पुलिस कर्मियों को अवगत कराने के लिए हर जिले में एक कार्यशाला जरूरी कराई जाए। इसकी तैयारी की जाए। इस कार्यशाला में विशेषज्ञों के जरिए सभी थानेदार, राजपत्रित अधिकारियों और विवेचकों की मौजूदगी अवश्य रहे। उधर, नए अपराधिक कानून में पीड़ित को एफआईआर दर्ज कराने का अधिकार और मजबूती से मिलेगा। डीजीपी ने डीजीपी ने इस सम्बन्ध में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर सभी एसपी व पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजा है।

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