यूपी उपचुनाव: पांच की मांग, अब सभी सीटों पर सपा को समर्थन, कांग्रेस ने बताया क्यों फैसला?
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भले ही बुधवार को ही सभी नौ सीटों पर सपा प्रत्याशियों को उतारने का ऐलान कर दिया था, गुरुवार को कांग्रेस ने भी प्रेंस कांफ्रेंस बुलाई और यूपी के उपचुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं उतारने की घोषणा कर दी।
यूपी उपचुनाव में कांग्रेस ने पांच सीटें मांगी थी। सपा दो से ज्यादा देने को तैयार नहीं थी। इस बीच समाजवादी पार्टी को बिना शर्त समर्थन का ऐलान करते हुए किसी भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ने का फैसला कर लिया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भले ही बुधवार को ही सभी नौ सीटों पर सपा प्रत्याशियों को उतारने का ऐलान कर दिया था, गुरुवार को कांग्रेस ने भी प्रेंस कांफ्रेंस बुलाई और यूपी के उपचुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं उतारने की घोषणा कर दी। कांग्रेस ने कहा कि उसने संविधान, सामाजिक सौहार्द और भाईचारे की रक्षा के लिए उपचुनावों में अपने उम्मीदवार नहीं उतारने और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को जिताने के लिए समर्थन करने का फैसला किया है।
कांग्रेस महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि पार्टी नेतृत्व के साथ विचार-विमर्श करने के बाद समाज और देश के हित में यह निर्णय लिया गया है। इससे पहले, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को ऐलान किया था कि 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में सभी नौ सीट पर 'इंडिया' गठबंधन के उम्मीदवार उनकी पार्टी के चुनाव चिह्न 'साइकिल' पर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस और सपा एकजुट हैं और 'इंडिया' उपचुनाव में जीत की नई इबारत लिखेगा।
पांडे ने संवाददाताओं से कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे जी, राहुल गांधी जी, प्रियंका गांधी जी तथा के सी वेणुगोपाल के साथ गहन चर्चा की गई। आज जिस तरह से सामाजिक तनाव बढ़ रहा है और जिस उद्देश्य से 'इंडिया' गठबंधन का गठन किया गया था, उसे देखते हुए आज अपने संगठन को बढ़ाने का समय नहीं है, बल्कि संविधान बचाने और सामाजिक सौहार्द बचाने का है।
उन्होंने कहा, ''हमने फैसला किया है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी। 'इंडिया' गठबंधन यानी सपा के सभी उम्मीदवारों को जिताने के लिए पूरा समर्थन करेगी।'' पांडे ने दावा किया कि अगर आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को नहीं रोका गया तो संविधान, सौहार्द और भाईचारा खतरे में पड़ जाएगा। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 'इंडिया' गठबंधन एकजुट है और उत्तर प्रदेश की स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।