यूपी उपचुनाव: अखिलेश ने 10 में चार सीटों पर अभी नहीं उतारा कैंडिडेट, क्या कांग्रेस से बनेगी बात?
- अखिलेश यादव ने चार सीटों पर उम्मीदवारों के नाम होल्ड कर दिए हैं। अब सियासी गलियारों में अटकलें लग रही हैं कि क्या इन सीटों पर कांग्रेस की बात बन सकती है? हालांकि हरियाणा चुनाव के नतीजों के बाद अखिलेश यादव यूपी उपचुनाव में कांग्रेस से त्याग की उम्मीद कर रहे हैं।
SP-Congress Alliance: समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों में से छह सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इन छह सीटों में से पांच पर 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में सपा ने जीत हासिल की थी। अखिलेश यादव ने चार सीटों पर उम्मीदवारों के नाम होल्ड कर दिए हैं। अब सियासी गलियारों में अटकलें लग रही हैं कि क्या इन सीटों पर कांग्रेस की बात बन सकती है? वैसे हरियाणा चुनाव के नतीजों के बाद अखिलेश यादव यूपी उपचुनाव में कांग्रेस से त्याग की उम्मीद कर रहे हैं।
बुधवार को अखिलेश यादव के निर्देश पर समाजवादी पार्टी ने करहल विधानसभा सीट से उनके चचेरे भाई तेज प्रताप यादव, सीसामऊ सीट से अयोग्य ठहराए गए इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सिद्दीकी, मिल्कीपुर से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद, कटेहरी से सांसद लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा, फूलपुर से मुस्तफा सिद्दीकी और मंझवा से ज्योति बिंद को मैदान में उतारा है। मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद सदर, खैर (अलीगढ़) और कुंदरकी (मुरादाबाद) सीट पर अब तक उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि कुंदरकी में वर्क परिवार अपने करीबी की पैरवी में जुटा है। वही मुरादाबाद के पूर्व सांसद एसटी हसन भी यहां से अपने लिए टिकट चाह रहे हैं।
5 सीटें चाह रही थी कांग्रेस
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने यूपी उपचुनाव में पांच सीटों पर अपनी डिमांड रखी थी। इनमें गाजियाबाद, खैर, फूलपुर, मीरापुर और मंझवा शामिल थीं। लेकिन बुधवार को अखिलेश ने 10 में से जिन छह सीटों पर सपा उम्मीदवारों की घोषणा की उसमें फूलपुर और मंझवा भी शामिल हैं। अब कुल चार सीटें ही बची हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि गाजियाबाद सदर की सीट सपा, कांग्रेस को दे सकती है। कांग्रेस को चार में से अन्य कौन सीटें दी जा सकती हैं इस पर अभी कोई चर्चा नहीं है। जानकारों का कहना है कि हरियाणा के नतीजों के बाद सपा जरूर चाहेगी कि कांग्रेस यूपी में त्याग करे।
कांगेस ने हरियाणा में नहीं दी एक भी सीट
यूपी उपचुनाव में कांग्रेस से त्याग चाहने की सबसे बड़ी वजह यह है कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश या हरियाणा के चुनाव में सपा को एक भी सीट नहीं दी थी। ये दोनों राज्य इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस के प्रभाव वाले थे। हालांकि हरियाणा में चुनाव लड़ने के मंसूबे के साथ समाजवादी पार्टी काफी समय से जुटी थी। पार्टी ने कांग्रेस से पहले 17 फिर 11 सीटों की मांग की थी। अंत में तीन सीटें मांगी लेकिन इस पर भी बात नहीं बनी। अंत में अखिलेश यादव को कहना पड़ा कि हरियाणा में गठबंधन की जीत के लिए सपा त्याग करेगी।
अब अपने प्रभाव वाले सूबे में अखिलेश सीटों को लेकर कड़ा रुख दिखा सकते हैं। कहा जा रहा है कि सपा 10 में से सिर्फ एक सीट देने का प्रस्ताव कांग्रेस के सामने रख सकती है। मंझवा समेत तमाम सीटों पर पार्टी के संभावित उम्मीदवारों ने काफी पहले से प्रचार शुरू कर दिया था।