यूपी की कई योजनाओं की गाड़ी रुकी, सात महीने में मिला केवल 35 प्रतिशत बजट
चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 का सात महीने बीत जाने के बाद भी विकास कार्यों से जुड़े कार्यों पर खर्च (पूंजीगत व्यय) का ग्राफ निराश करने वाला नजर आ रहा है। जनता से जुड़ी योजनाओं के साथ ही छात्रों को टैबलेट व स्मार्ट फोन बांटने का काम अटक गए हैं।
चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 का सात महीने बीत जाने के बाद भी विकास कार्यों से जुड़े कार्यों पर खर्च (पूंजीगत व्यय) का ग्राफ निराश करने वाला नजर आ रहा है। जनता से जुड़ी योजनाएं सड़क, पुल, पुलिया, अवस्थापना व औद्योगिक विकास, ग्रामीण क्षेत्रों के विकास कार्य, बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कार्य, सिंचाई व आवास से जुड़ी महत्वपूर्ण योजनाओं के साथ ही छात्रों को टैबलेट व स्मार्ट फोन बांटने का काम अटक गए हैं। स्थिति यह है कि शेष बचे पांच महीने में विकास कार्यों के लिए 65 फीसदी धनराशि खपाने की आपाधापी मचेगी। विकास कार्यों के लिए 233199.25 करोड़ रुपये के बजट का इंतजाम सरकार ने किया है। जिसके मुकाबले अभी तक शासन स्तर से कुल 82551.24 करोड़ यानी महज 35.4% धनराशि ही स्वीकृत की जा सकी है।
स्वीकृत 35 फीसदी में से भी सिर्फ 68% ही खर्च किए
शासन द्वारा स्वीकृत विकास कार्यों की 35 फीसदी धनराशि में से विभागों ने महज 68.2 फीसदी धनराशि ही खर्च की है। वित्तीय वर्ष के शेष बचे पांच महीनों में करीब 65 फीसदी बजट स्वीकृत करने और खर्च करने की चुनौती होगी। दो दिन पूर्व बजट खर्च की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा था कि ग्राम्य विकास, अवस्थापना व औद्योगिक विकास, समाज कल्याण, नगर विकास, बेसिक शिक्षा, सिंचाई, आवास एवं शहरी नियोजन, जैसे विभागों की अनेक योजनाएं जनता से सीधे जुड़ी हैं। बजट आवंटन और खर्च में तेजी दिखाएं। विभागीय मंत्री बजट आवंटन और खर्च की समीक्षा करें।
इन योजनाओं का काम पड़ा सुस्त
विभागीय बड़ी योजनाओं में स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत युवाओं को टेबलेट, स्मार्टफोन वितरित किए जाने की गति सुस्त पड़ी है। कार्ययोजना में शामिल रोड, पुल, पुलिया आदि जैसी जनता से जुड़े कार्यों के लिए सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में 8162.89 करोड़ रुपये का बजट प्राविधान किया है। इसमें से अब तक कुल करीब 500 करोड़ रुपये की योजनाओं को ही स्वीकृति विभाग के स्तर से दी जा सकी है। पीडब्ल्यूडी अब यदि तेजी से इन योजनाओं की बजट स्वीकृतियां जारी करता है तो टेंडर प्रक्रिया पूरी करने और कार्य आवंटन में करीब डेढ़ से दो माह का समय निकल जाएगा। इसके बाद दिसंबर-जनवरी की कड़ाके की ठंड में स़ड़क निर्माण में बिटुमिन का काम ठीक से नहीं किया जा सकेगा। वित्तीय वर्ष के अंतिम दो महीनों में ही ये काम पूरे होते नजर आएंगे।
2024-25 बजट आवंटन और खर्च से जुड़ा गणित अक्तूबर 2024 तक
782336.64 करोड़ रुपये कुल बजट
पूंजीगत व्यय (विकास कार्यों से जुड़े कार्य)
233199.25 करोड़ रुपये पूंजीगत बजट का कुल प्राविधान
82551.24 करोड़ रुपये शासन द्वारा पूंजीगत बजट स्वीकृत
72452.17 करोड़ रुपये विभागाध्यक्षों द्वारा आवंटिट पूंजीगत बजट
56358.31 करोड़ रुपये शासन द्वारा जारी स्वीकृतियों के मुकाबले कुल खर्च
राजस्व व्यय (वेतन, पेंशन और अन्य जरूरी खर्चे)
549137.39 करोड़ रुपये राजस्व बजट का कुल प्राविधान
367581.15 करोड़ शासन द्वारा स्वीकृति जारी की जा चुकी है
228757.88 करोड़ रुपये शासन द्वारा जारी स्वीकृतियों के मुकाबले हुए खर्च
कुछ प्रमुख विभागों द्वारा विकास कार्यों में आवंटन के मुकाबले खर्च करोड़ रुपये में
विभाग-------कुल बजट प्राविधान---------कुल खर्च
पीडब्ल्यूडी----25843.61----------------5240.21
ऊर्जा--------25202.17----------------10449.10
अवस्थापना व औद्योगिक विकास--18047.93--------------5980.98
ग्राम्य विकास-----18165.15---------------6510.49
बेसिक शिक्षा-----5009.83-----------------538.02
सिंचाई---------9515.91-----------------1441.35
आवास---------6709.15-----------------825.79