पश्चिम यूपी के 22 जिलों में आज वकीलों की हड़ताल, गाजियाबाद केस की न्यायिक जांच की मांग
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में आज वकीलों की हड़ताल है। संघर्ष समिति ने गाजियाबाद प्रकरण की न्यायिक जांच की मांग उठाई है। 21 तक जिला जज गाजियाबाद का ट्रांसफर नहीं तो 22 को केंद्रीय संघर्ष समिति की दोबारा मीटिंग होगी।
गाजियाबाद में 29 अक्तूबर को वकीलों पर लाठीचार्ज के खिलाफ आठ नवंबर को पश्चिम उत्तर प्रदेश के 22 जिलों और तहसीलों में वकील हड़ताल पर रहेंगे। हाईकोर्ट बेंच केन्द्रीय संघर्ष समिति पश्चिम उत्तर प्रदेश ने मांग की है कि वकीलों पर लाठीचार्ज के मामले में न्यायिक जांच कराई जाए, साथ ही 21 नवंबर तक गाजियाबाद के जिला जज के ट्रांसफर की मांग की गई है, अन्यथा 22 नवंबर को पुन: संघर्ष समिति की बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति बनेगी।
गुरुवार को मेरठ कचहरी स्थित पं. नानक चंद सभागार में हाईकोर्ट बेंच केन्द्रीय संघर्ष समिति पश्चिम उत्तर प्रदेश की आपात बैठक चेयरमैन रोहिताश्व कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता और संयोजक अमित कुमार दीक्षित के संचालन में हुई। संघर्ष समिति ने एक स्वर से गाजियाबाद में वकीलों पर लाठीचार्ज की घोर भर्त्सना की। विभिन्न जिलों के बार से आए पदाधिकारियों ने अपने विचारों को रखा।
जो बैठक में नहीं आये तो उनसे वर्चुअल विचार लिये गये। सभी ने कहा कि गाजियाबाद में 29 अक्तूबर को वकीलों के साथ जो कुछ हुआ तो वह अति निंदनीय है। इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अंत में प्रस्ताव पारित कर आठ नवंबर को पश्चिम उत्तर प्रदेश के सभी 22 जिलों और तहसीलों में वकीलों के न्यायिक कार्य से विरत रहने की घोषणा की गई।
बैठक में इन प्रस्तावों को किया गया पास
1. आठ नवंबर को गाजियाबाद के वकीलों के समर्थन में पश्चिम उत्तर प्रदेश के सभी 22 जिलों और तहसीलों में वकील न्यायिक कार्यों से विरत रहेंगे।
2. गाजियाबाद की घटना की अविलंब न्यायिक जांच कराकर कार्रवाई की जाए।
3. 29 अक्तूबर को गाजियाबाद जिला जज न्यायालय में सुनवाई के लिए नियत मुकदमों की कौजलिस्ट की प्रति और पैरवी के लिए नियुक्त अधिवक्ताओं की सूची संघर्ष समिति को भेजी जाए। कौजलिस्ट में से एक अधिवक्ता को याचिकाकर्ता नियुक्त कर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका योजित की जाए।
4. गाजियाबाद के जिला जज का 21 नवंबर तक ट्रांसफर किया जाए। यदि 21 नवंबर तक ट्रांसफर नहीं होता है तो 22 नवंबर को संघर्ष समिति की पुन: बैठक होगी। आवश्यक और ठोस निर्णय लिये जाएंगे।
5. पुलिस-प्रशासन की ओर से गाजियाबाद के अधिवक्ताओं पर दर्ज झूठे मुकदमे अविलंब वापस लिये जाएं।
6 .घायल और पीड़ित अधिवक्ताओं को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए।
7. मेरठ जिला बार एसोसिएशन से अनुरोध है कि सौहार्दपूर्ण और आपसी सामंजस्य बनाते हुए हाईकोर्ट बेंच स्थापना करते हुए एकजुटता बनाए रखें।
8. गाजियाबाद बार एसोसिएशन, हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति पश्चिम उत्तर प्रदेश के बहिष्कार के निर्णय को वापस लें। आगे जो भी निर्णय लिया जाएगा, उससे गाजियाबाद बार एसोसिएशन को अवगत कराया जाएगा।