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यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट प्रायोगिक परीक्षाएं टलीं, 23 जनवरी की जगह फरवरी में इस तारीख से होंगी शुरू

यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं की प्रायोगिक परीक्षाएं कुछ दिनों के लिए टल गई हैं। अब यह परीक्षाएं एक से 16 फरवरी तक होगी। पहले दो चरणों में 23 से 31 जनवरी और दूसरे चरण में एक से आठ फरवरी तक प्रयोगात्मक परीक्षाएं होनी थी।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, प्रयागराज मुख्य संवाददाताSat, 18 Jan 2025 10:53 PM
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यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं की प्रायोगिक परीक्षाएं कुछ दिनों के लिए टल गई हैं। अब यह परीक्षाएं एक से 16 फरवरी तक होगी। पहले दो चरणों में 23 से 31 जनवरी और दूसरे चरण में एक से आठ फरवरी तक प्रयोगात्मक परीक्षाएं होनी थी। 22 से 31 जनवरी तक जेईई मेन्स परीक्षा होने के कारण बोर्ड ने प्रायोगिक परीक्षाएं टाल दी हैं। संशोधित समय सारिणी के अनुसार, अब पहले चरण में एक से आठ फरवरी और दूसरे चरण में नौ से 16 फरवरी तक प्रैक्टिकल कराए जाएंगे।

नौ से 16 फरवरी तक आगरा, सहारनपुर, बरेली, लखनऊ, झांसी, चित्रकूट, अयोध्या, आजमगढ़, देवीपाटन और बस्ती मंडलों में परीक्षा होगी। एक से आठ फरवरी तक अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, कानपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी और गोरखपुर मंडलों में प्रयोगात्मक परीक्षाएं कराई जाएंगी।

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बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने बताया कि कुछ छात्रों के जरिए यह बात संज्ञान में आई थी कि जेईई मेन्स 22 से 31 जनवरी तक होने हैं। यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षा 23 से 31 जनवरी तक प्रस्तावित थे। छात्रहित में पहले चरण की परीक्षा नौ से 16 फरवरी तक कर दी गई है। यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट प्रायोगिक परीक्षा में भौतिक और रसायन विज्ञान में सर्वाधिक छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इंटर विज्ञान वर्ग के अंतर्गत रसायन विज्ञान में 1650937 व भौतिक विज्ञान में 1650482 परीक्षार्थी जबकि जीव विज्ञान में 1249485 विद्यार्थी प्रायोगिक परीक्षा देंगे।

गौरतलब है कि यूपी बोर्ड ने 2025 की प्रायोगिक परीक्षाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नई व्यवस्था लागू की है। अब परीक्षकों को छात्रों के अंक परीक्षा केंद्र पर ही बोर्ड के विशेष मोबाइल एप पर अपलोड करने होंगे। यह एप केवल परीक्षा केंद्र के 200 मीटर के दायरे में काम करेगा। इसके साथ ही, परीक्षकों को छात्रों के साथ सेल्फी लेकर उसे एप पर अपलोड करना होगा। प्रधानाचार्य को परीक्षा की निगरानी और रिकॉर्डिंग की जिम्मेदारी दी गई है। सख्त नियमों और तकनीकी उपायों से परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित होगी।

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