सीएमओ व स्टेनो बन सॉफ्टवेयर इंजीनियर को ठगा, पुलिस का लोगो लगाकर दिया झांसा
बरेली में भाई की हत्या में जेल भिजवाने की धमकी देकर साफ्टवेयर इंजीनियर के परिवार से 2.20 लाख रुपये की ठगी करने वाले फर्जी सीएमओ और उसके स्टेनो को कोतवाली पुलिस व एसओजी ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
बरेली में भाई की हत्या में जेल भिजवाने की धमकी देकर साफ्टवेयर इंजीनियर के परिवार से 2.20 लाख रुपये की ठगी करने वाले फर्जी सीएमओ और उसके स्टेनो को कोतवाली पुलिस व एसओजी ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। एक बार ठगी करने के बाद अब यह गैंग सीओ के नाम पर दोबारा ठगी की कोशिश कर रहा था। मगर उससे पहले ही दबोच लिया गया।
एसपी सिटी राहुल भाटी ने बताया कि इज्जतनगर में मुंशीनगर के पटेल इन्क्लेव निवासी मयंक सक्सेना साफ्टवेयर इंजीनियर हैं और अब ग्रेटर नोएडा में रहते हैं। मयंक के पिता राजेंद्र सक्सेना के पास रहने वाले उनके बड़े भाई अभिषेक की पिछले साल 20 नवंबर को तबीयत बिगड़ गई थी। वे लोग अभिषेक को कंजादासपुर में रहने वाले झोलाछाप सोमपाल के पास लेकर गए, जहां उसने मृत घोषित कर दिया। अंतिम संस्कार के कुछ दिन बाद उन लोगों के पास सोमपाल का फोन आया और कहा कि किसी व्यक्ति ने यह शिकायत दी है कि तुम लोगों ने अभिषेक की जहर देकर हत्या कर दी है।
सीएमओ जांच के लिए उसके क्लीनिक पर पहुंचे हैं, तुम लोग आ जाओ तो मामला निपटा देंगे। इस पर राजेंद्र सक्सेना डर गए और अपने बेटे मयंक के साथ तत्काल उसके क्लीनिक पर पहुंच गए। वहां पर सोमपाल ने कंजादासपुर निवासी सुरजीत खुद को सीएमओ, मिसरयार को स्टेनो और अपनी पत्नी राजकुमारी को सीएमओ की पत्नी बताकर उन लोगों से मिलवाया। आरोपियों ने उन्हें डराया कि जांच करके वे लोग लोग ही मुकदमा लिखाएंगे और फिर सबको जेल जाना पड़ेगा।
सीओ के नाम पर दोबारा किया फोन तो खुली पोल
करीब साल भर शांत रहने के बाद आरोपियों ने दोबारा वसूली का प्लान बनाया और फिर सुरजीत ने 23 अगस्त को मयंक को फोन किया। खुद को सीओ प्रथम के ऑफिस से बोलने की बात कहकर डराते हुए कहा कि तुमने जिस सोमपाल को अपने बेटे की हत्या की बात छुपाने के लिए पैसे दिए थे, वह जेल चला गया है। उसने अपने बयान में तुम लोगों के बारे में सब बातें बता दी है। अब तुम लोग हत्या के मामले में जेल जाओगे, यदि समय रहते कुछ रुपयों का इन्तजाम करो तो वह सीओ से बात करके बचा सकता है। वरना सभी के मोबाइल की लोकेशन निकलवाकर जेल भेज दिया जाएगा। इस बार उन लोगों को शक हो गया और उन्होंने पुलिस में शिकायत कर दी।
सुरजीत चलाता है एनजीओ मिसरयार की है दुकान
सीओ पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि सुरजीत एक एनजीओ में काम करता है। मिसरयार की मोबाइल रीचार्ज की दुकान है। मिसरयार ने ही सुरजीत को फर्जी आईडी पर सिम दिया था। यह सिम इज्जतनगर निवासी रामऔतार की आईडी पर है। वह मिसरयार की दुकान पर सिम लेने गया था तो उसने दो-तीन बार अंगूठा लगवाकर एक-दो सिम अपने पास रख लिए थे। झोलाछाप सोमपाल किसी मामले में बुलंदशहर जेल में बंद है। उसके बारे में जानकारी कराई जा रही है और रिमांड पर लिया जाएगा। सोमपाल की पत्नी राजकुमारी की तलाश की जा रही है। वह घर से फरार है। इसके पहले टीम ने सुरजीत व मिसरयार को गिरफ्तार कर पूरे मामले का भंडाफोड़करदियाथा।
तीन लाख की डिमांड कर 2.20 लाख वसूले
सीओ प्रथम पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपियों ने मामला निपटाने के लिए राजेंद्र व मयंक से तीन लाख रुपये की मांग की। इसके बाद 2.20 लाख रुपये में बात तय हो गई। इनमें से एक लाख रुपये नेट बैंकिग के जरिये सोमपाल के खाते में और 20 हजार रुपये नकद वसूले। बाद में एक लाख रुपये घर से मंगाकर वसूल लिए और फिर उन्हें फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर दे दिया।
ट्रू कॉलर पर लगा रखा था पुलिस का लोगो
ठगों ने राजेंद्र व मयंक से ठगी करने के लिए जिस मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया था, उसमें ट्रू कॉलर पर पुलिस का लोगो लगा रखा है और उस पर सीओ ऑफिस लिखकर आ रहा था। इस वजह से वे लोग डर गए और शिकायत लेकर सीओ पंकज श्रीवास्तव के पास पहुंच गए और पूरा मामला खुल गया।
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