तिरुपति की तरह अयोध्या राम मंदिर में भक्तों को रोज मिलेगा भोजन प्रसाद, अंगद टीला पर बनेगा पंडाल
तिरुपति बालाजी देवस्थानम की तर्ज पर अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने रामलला के दर्शनार्थियों के नियमित रूप से भोजन प्रसाद उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। प्रसाद वितरण के लिए काउंटर व भंडारा संचालन के स्थाई पंडाल के प्रबंध के लिए अंगद टीला के प्रांगण का चयन किया गया है।

तिरुपति बालाजी देवस्थानम की तर्ज पर अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने रामलला के दर्शनार्थियों के नियमित रूप से भोजन प्रसाद उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से यह व्यवस्था चल रही है लेकिन व्यवस्था स्थाई नहीं है जिसके कारण अब तक चैत्र रामनवमी, सावन झूला व कार्तिक परिक्रमा व पूर्णिमा स्नान मेला के दौरान ही व्यवस्था चलती आ रही है। फिलहाल तीर्थ क्षेत्र ने यहां प्रसाद वितरण के लिए काउंटर व भंडारा संचालन के स्थाई पंडाल के प्रबंध का निर्देश दे दिया है।
तीर्थ क्षेत्र के निर्देश पर ही एल एण्डटी ने स्थाई पंडाल के निर्माण का ले-आउट तैयार किया है। इसके लिए अंगद टीला के प्रांगण का चयन किया गया है। यहां मल्टीपरपज पंडाल का निर्माण होगा। यह पंडाल एक सौ गुणा डेढ़ सौ फिट का होगा। इस पंडाल को कालमों पर खड़ा किया जाएगा और इसकी छत पर प्री फैब्रीकेटेड स्ट्रक्चर लगाया जाएगा।
इस पंडाल के लिए एल एण्डटी की ओर से तैयार किए गए आगणन को फिलहाल तीर्थ क्षेत्र के बोर्ड आफ ट्रस्टीज की हरीझंडी मिलनी बाकी है। बताया गया कि इस स्थान पर समय समय पर कथा सत्संग का भी आयोजन किया जाएगा। वहीं मध्याह्न में भंडारे का भी आयोजन होगा जिसमें श्रद्धालु गण सुविधा से प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे।
राम मंदिर निर्माण के लिए पूजा पाठ जारी
अयोध्या। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के गठन के बाद से निर्विघ्नराम मंदिर निर्माण का संकल्प लेकर शुरू हुआ पूजन प्रतिदिन आज भी चल रहा है। इस पूजन के लिए यजमानों की सूची लंबी है। संघ व विभिन्न आनुषंगिक संगठनों के अलावा गणमान्य नागरिक व जन सामान्य भी इस पूजन का हिस्सा बन रहे हैं। इसके चलते प्रतीक्षा सूची लंबी हो जा रही है।
यजमान एक-एक पखवाड़े का कर रहे इंतजार
नये यजमानों को एक-एक पखवाड़े का इंतजार करना पड़ रहा है। फिर भी यहां पूजन कराकर श्रद्धालु गण अभिभूत हैं। श्रीराम निवास मंदिर रामकोट में पंचोपचार पूजन के साथ रुद्राभिषेक व हवन के साथ पूर्णाहुति की जाती है। पुनः यजमानों को रामलला का दर्शन कराया जाता है। मंदिर का काम समापन बढ़ने की ओर है।