अयोध्या राममंदिर में सप्तमी से अपोलो इमरजेंसी सेवाएं शुरू, क्रिटिकल केयर यूनिट व ट्रामा सेंटर तैयार
अयोध्या राममंदिर में सप्तमी से अपोलो इमरजेंसी सेवाएं शुरू होंगी। क्रिटिकल केयर यूनिट व ट्रामा सेंटर से संबंधित सभी उपकरणों की आपूर्ति हो गई है। विशेषज्ञ इंजीनियरों की टीम पहुंची है और अस्पताल के वार्डों में सेट अप व्यवस्थित किए जा रहे हैं।
अयोध्या राम मंदिर में रामलला के दर्शनार्थियों के लिए इमरजेंसी सेवा प्रदान करने के लिए अपोलो अस्पताल की शुरुआत नवरात्र की सप्तमी तिथि दिन गुरुवार से हो सकती है। इसकी तैयारियां की जा रही हैं। अस्पताल में क्रिटिकल केयर यूनिट व ट्रामा सेंटर शुरू करने के लिए आवश्यक उपकरण यहां देर रात पहुंच गये हैं। इन उपकरणों के इंस्टालेशन के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की टीम भी यहां पहुंच गयी है। अल्ट्रासाउंड व एक्स-रे मशीनें भी यहां आ गयी है। भवन-निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र पहले ही घोषित कर चुके हैं कि नवरात्र में अपोलो अस्पताल की इमरजेंसी सेवा शुरू हो जाएंगी।
मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया जाएगा। इसके लिए अस्पतालों से टाई-अप की भी योजना है। उसी कड़ी में तैयारियां चल रही हैं। तकनीकी टीम की ओर से उपकरणों के इंस्टालेशन के साथ सेवाएं शुरू हो जाएंगी। इस अस्पताल के संचालन के लिए दो विशेषज्ञ चिकित्सकों व दस पैरामेडिकल स्टाफ जो अपोलो के ही रेगुलर स्टाफ है, यहां मरीजों की देखभाल भी शुरू कर देंगे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डा अनिल मिश्र बताते हैं कि अपोलो हॉस्पिटल इंटरप्राइजेज लिमिटेड के प्रमोटर ग्रुप की ओर से गठित एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट बिलियन हार्ट्स बीटिंग फाउंडेशन (बीएचबीएफ) अपने प्रोजेक्ट 'सुरक्षा' के तहत अयोध्या में आपातकालीन चिकित्सा केंद्र स्थापित का प्रस्ताव दिया था। यह संस्था तिरुपति तिरुमला देवस्थानम में भी अपनी सेवाएं दे रही है। बताया गया कि अनुबंध में दोनों पक्षो की ओर से आवश्यक शर्तों का उल्लेख किया गया है। इन शर्तों के अधीन पीएफसी में आपातकालीन चिकित्सा केंद्र के लिए काम्प्लेक्स का बेसमेंट संस्था को उपलब्ध करा दिया गया है। संस्था द्वारा 15 साल का करार हुआ है।
बायो मेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन का जिम्मा तीर्थ क्षेत्र संभालेगा
श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र और अपोलो की संस्था के बीच हुए करार के अधीन तीर्थ क्षेत्र एचवीएसी (हीटिंग, वेंटिलेशन व एयर कंडीशनिंग) की व्यवस्था करेगा। इसके अलावा एमजीपीए यानि कि मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम व पीएच आई अर्थात सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग समेत विद्युत आपूर्ति भी सुनिश्चित कराएगा। वहीं महत्वपूर्ण प्रणालियों के लिए जनरेटर बैंक अप, बायो मेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन तथा सेंटर में कार्यरत चिकित्सकों व पैरा मेडिकल स्टाफ की आवासीय सुविधा भी दिलाएगा।
उधर अपोलो की संस्था साल के 365 दिन और 24 घंटे नि: शुल्क अपनी सेवाएं देगा। संस्था की ओर से छह बेड एक्यूट केयर यूनिट भी स्थापित किया जाएगा। वहीं वाइटल कार्डियक सपोर्ट डायग्नोस्टिक की व्यवस्था करेगा और दो पूरी तरह से उन्नत कार्डियक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस भी उपलब्ध कराएगा जिससे कि आवश्यकता नुसार मरीज को उचित उपचार के लिए हायर सेंटर भेजना सुविधाजनक हो सके।