अयोध्या राम मंदिर निर्माण में जुड़ेगी रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काम करेगी
राम मंदिर निर्माण में देश की सभी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय ख्याति लब्ध संस्थाएं अपना योगदान दे रही है। इनमें एलएण्डटी व टीईसी के अलावा अब रिलायंस कंपनी की भी भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। रिलायंस इंडस्ट्रीज राम मंदिर में निर्माणाधीन परियोजनाओं में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काम करेगी।
राम मंदिर निर्माण में देश की सभी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय ख्याति लब्ध संस्थाएं अपना योगदान दे रही है। इनमें एलएण्डटी व टीईसी के अलावा अब रिलायंस कंपनी की भी भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। रिलायंस इंडस्ट्रीज राम मंदिर में निर्माणाधीन परियोजनाओं में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काम करेगी। हालांकि इस प्रस्ताव पर अभी विचार विमर्श चल रहा है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के बोर्ड आफ ट्रस्टीज की बैठक में इस विषय पर मंथन के बाद अंतिम रूप से निर्णय लिया जाएगा। यह बैठक 25 नवम्बर को मणिराम छावनी में तीर्थ क्षेत्र अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास की अध्यक्षता में होगी।
उधर श्रीरामजन्म भूमि परिसर में स्थित नल-नील टीले पर भी नये मंदिर निर्माण के प्रस्ताव पर मंथन चल रहा है। फिलहाल इस टीले के भू-दृश्य संरचना के सुंदरीकरण का जिम्मा जीएमआर ग्रुप कर रहा है। तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डा अनिल मिश्र का कहना है जीएमआर संस्था ही इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट नई दिल्ली सहित देश के विभिन्न एयरपोर्ट के विकास का देखभाल कर रही है। उन्होंने बताया कि इस ग्रुप की ओर से लैंड स्केपिंग का काम कंपनी के सीसीआर फंड से किया जा रहा है। पिछले दिनों जीएमआर ग्रुप के सीईओ यहां आए थे। उन्होंने रामलला के दर्शन के साथ श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय से कारसेवकपुरम में जाकर शिष्टाचार भेंट की और सम्बन्धित विषय पर वार्तालाप भी किया है।
श्रीरामजन्मभूमि परिसर में कुबेर टीला, नल-नील टीला के साथ अंगद टीला भी
श्रीरामजन्मभूमि परिसर में कुबेर टीला व नल-नील टीला के अलावा अंगद टीला भी स्थित है। छह दिसंबर 92 की घटना के बाद हुए अधिग्रहण की जद में अंगद टीला भी शामिल हो गया था लेकिन हनुमानगढ़ी अखाड़े के प्रभाव में तीन चौथाई भू-भाग को छोड़कर एक चौथाई भू-भाग भी शामिल कर लिया गया । हालांकि तीर्थ क्षेत्र ने हनुमानगढ़ी अखाड़े व हरिद्वारी पट्टी से अंगद टीला के चतुर्दिक 42 बिस्वा जमीन क्रय कर ली है लेकिन अंगद टीले पर अभी भी हनुमानगढ़ी का एकाधिकार कायम है। दरअसल इस अंगद टीले पर कपिल मुनि का मंदिर है। इस मंदिर में हरिद्वारी पट्टी के पुजारियों की ओर से नियमित पूजा-अर्चना की जाती है।