विधानसभा में मुझसे कमजोर आदमी कोई नहीं; क्यों सदन में इमोशनल हो गए सतीश महाना?
- उत्तर प्रदेश विधानसभा में गंभीर बहस को भी हास-परिहास के साथ चलाने के लिए मशहूर स्पीकर सतीश महाना बुधवार को सदन में ही भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि विधानसभा में उनसे कमजोर कोई आदमी नहीं है जिसका कोई वोट बेस नहीं है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में गंभीर राजनीतिक मसलों पर भी सदन के अंदर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच ठहाकों भरी बहस कराने के लिए मशहूर स्पीकर सतीश महाना बुधवार को सदन में इमोशनल हो गए। उन्होंने कहा कि विधानसभा में उनसे कमजोर कोई सदस्य नहीं है जिसका कोई वोट बेस नहीं है। महाना ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में उनकी जाति के हजार वोटर भी नहीं हैं लेकिन अपने काम से वो जीतकर विधानसभा आते हैं। महाना 1991 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं। महाना पहला पांच चुनाव कानपुर कैंट सीट से जीते और 2017 से महाराजपुर से जीत रहे हैं। कुछ विधायकों ने पल्लवी पटेल द्वारा स्पीकर पर पक्षपात का आरोप लगाने पर दुख जताया था और आसन के सम्मान का सवाल उठाया था। महाना ने उसके बाद ये बातें कहीं।
समाजवादी पार्टी (एसपी) के टिकट पर सिराथु में केशव प्रसाद मौर्य को हराने वाली पल्लवी पटेल ने अपने बहनोई और योगी सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री मंत्री आशीष पटेल पर 25-25 लाख रुपए घूस लेकर प्रवक्ताओं (रीडर) को विभागाध्यक्ष (एचओडी) बनाने का आरोप लगाया है। पटेल अपना दल (सोनेलाल) की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति हैं। अनुप्रिया और पल्लवी व उनकी मां कृष्णा पटेल अलग-अलग पार्टी चलाती हैं। पल्लवी की पार्टी अपना दल (कमेरावादी) है लेकिन वो सपा के टिकट पर विधायक हैं। पहले राज्यसभा और फिर लोकसभा चुनाव में सपा से राजनीतिक मतभेद के बाद वो अलग स्टैंड लेती रहती हैं। अखिलेश यादव ने भी उन्हें फ्री कर रखा है और कहा था कि पीडीए परिवार का होने के कारण उनकी सदस्यता खत्म करने नहीं कहेंगे।
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पल्लवी पटेल इसी मामले को विधानसभा में उठाना चाहती थीं। उन्हें सोमवार और मंगलवार को इसकी इजाजत नहीं दी गई। महाना ने कहा कि वो विधानसभा संचालन नियमावली के नियमों के तहत नोटिस देंगी तो बोलने का मौका देंगे। सोमवार की रात पल्लवी विधानसभा परिसर में ही देर तक धरना देती रहीं। उनसे मिलने संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना गए थे जिसके बाद पल्लवी उठीं। लेकिन पल्लवी को मंगलवार को भी बोलने का मौका नहीं मिला। इसके बाद पल्लवी ने मंगलवार को सदन की कार्यवाही खत्म होने के बाद स्पीकर पर आरोप लगाया था और कहा था कि दूसरों के घोटालों पर छाती पीटने वाले अपने घोटालों पर बात कर सके।
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रायबरेली की ऊंचाहार से सपा के टिकट पर जीते और भाजपा में शामिल हो चुके विधायक मनोज पांडेय और आजमगढ़ की अतरौलिया से सपा विधायक संग्राम यादव ने बुधवार को सदन में पीठ की गरिमा पर चोट का मसला उठाया। दोनों में किसी ने पल्लवी पटेल का नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि जो बातें कही गई उससे आसन का अपमान हुआ है।
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इस पर सतीश महाना ने कहा कि विधानसभा नियमों से चलेगी। जो नियमों से नहीं चलेगा, उस पर विधानसभा की नियमावली के तहत ऐक्शन होगा। स्पीकर ने कहा- “मेरे ऊपर कोई बोले। मैं तो साधारण परिवार से आता हूं। मेरे पास कोई वोट बैंक का आधार नहीं है। यहां 403 लोग हैं। किसी के पास जाति का आधार होगा, किसी के पास कोई व्यक्तिगत आधार होगा। मैं जिस जाति से आता हूं, उसका मेरे क्षेत्र में एक हजार वोट भी नहीं है। मुझे सभी जातियों का समर्थन है। उस आधार पर यहां बैठा हूं। मैं यहां इसलिए नहीं बैठा हूं कि मेरा पिछड़ा इतना बेस है, मेरा एससी का इतना बेस है या मेरा अपर कास्ट का इतना बेस है।”
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विधानसभा अध्यक्ष ने आगे कहा- “मैं यहां सतीश महाना नहीं हूं। अध्यक्ष पीठ की गरिमा बनाकर रखना मेरी जवाबदेही है। पक्ष और प्रतिपक्ष का अपना-अपना एजेंडा है। विपक्ष जितनी कड़वी बात करना चाहे, कर सकता है लेकिन अभद्र भाषा के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी जा सकती। मेरे से कमजोर आदमी कोई पूरे विधानसभा में नहीं होगा। हर किसी का कोई ना कोई बेस होगा। मेरा तो कोई बेस नहीं है। मेरा बेस, मेरा काम और विधायकों का विश्वास है।”