गैंगस्टर एक्ट के प्रावधानों का पालन नहीं होने से हाईकोर्ट क्षुब्ध, राज्य स्तरीय निगरानी कमेटी गठित
यूपी में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई करते समय एक्ट के प्रावधानों का सही भावना से पालन नहीं करने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि सनी मिश्रा केस में हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के प्रावधानों के पालन के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी की है।
यूपी में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई करते समय एक्ट के प्रावधानों का सही भावना से पालन नहीं करने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि सनी मिश्रा केस में हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के प्रावधानों के पालन के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी की है। इसके अलावा कई अन्य मामलों में भी कोर्ट ने निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद अधिकारी इसका पालन नहीं कर रहे हैं। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई पर अपर मुख्य सचिव गृह से आदेश के अनुपालन पर हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है।
अमरोहा के आसिफ की याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति बीके बिरला और न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ ने याची के विरुद्ध केस की विवेचना और उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए एसपी, जिलाधिकारी अमरोहा और मंडलीय कमिश्नर मुरादाबाद पूर्व में इस बाबत हलफनामा मांगा था कि सनी मिश्रा केस में दी गई गाइडलाइन और इसे लेकर 21 जनवरी 2024 को अपर मुख्य सचिव गृह द्वारा जारी सर्कुलर की उनको जानकारी थी अथवा नहीं।
कोर्ट ने कहा कि किन परिस्थितियों में एसपी और जिला अधिकारी ने याची के विरुद्ध गैंगचार्ट अनुमोदित करते समय उसमें अपनी संतुष्टि रिकॉर्ड नहीं की। जबकि एक्ट के प्रावधानों के अनुसार ऐसा करना अनिवार्य था। तीनों अधिकारियों ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि उन्हें गाइडलाइन और सर्कुलर की जानकारी तो थी मगर चुनावी व्यस्तता के कारण प्रावधानों का सही तरीके से पालन नहीं हो सका। कोर्ट ने इस हलफनामे पर असंतोष जताते हुए बेहतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था।
शासकीय अधिवक्ता एके संड ने कोर्ट को बताया कि हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जा रहा है । उन्होंने अदालत को अवगत कराया कि कोर्ट के निर्देशानुसार और गैंगस्टर एक्ट के प्रावधानों के तहत राज्य स्तरीय सुपरवाइजरी कमेटी का गठन कर दिया गया है। सितंबर में इसकी बैठक होगी। हालांकि कोर्ट ने इस पर हैरानी जताई कि प्रमुख सचिव न्याय जो कि इस कमेटी के सदस्य हैं उनको इसकी जानकारी ही नहीं दी गई। शासकीय अधिवक्ता ने अदालत को आश्वस्त किया की कोर्ट के आदेश का अनुपालन कराया जा रहा है और उन्हें इसके लिए थोड़ा समय और दिया जाए। शासकीय अधिवक्ता के अनुरोध पर कोर्ट ने कोई विपरीत आदेश न पारित करते हुए अगली सुनवाई पर अपर मुख्य सचिव गृह को अनुपालन हलफनामा दाखिल करने का निर्देशदियाहै।
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