राम मंदिर के काम में आई तेजी, राजस्थान से तीन सौ कारगर पहुंचे; जानें प्लान
- राम मंदिर निर्माण के काम को नियत समय में पूरा करने के लिए श्रमिकों की संख्या बढ़ाने की योजना के तहत राजस्थान से कुशल कारीगरों की खेप आनी शुरू हो गई है। इस योजना में अन्तर्गत 300 कारीगरों की पहली खेप यहां पहुंच गई है और उन्हें सुनियोजित ढंग से काम पर लगा दिया गया है।
Ram Temple in Ayodhya: राम मंदिर निर्माण के काम को नियत समय में पूरा करने के लिए श्रमिकों की संख्या बढ़ाने की योजना के तहत राजस्थान से कुशल कारीगरों की खेप आनी शुरू हो गई है। इस योजना में अन्तर्गत तीन सौ कारीगरों की पहली खेप यहां पहुंच गई है और उन्हें सुनियोजित ढंग से काम पर लगा दिया गया है। मंदिर निर्माण की कार्यदाई संस्था एलएण्डटी के परियोजना निदेशक वीके मेहता ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि जन्माष्टमी पर्व के कारण अभी सभी श्रमिक नहीं आए हैं लेकिन अगले सप्ताह तक यहां बाकी श्रमिक भी आ जाएंगे। उन्होंने जानकारी दी कि फिलहाल राम मंदिर में करीब 15 सौ कारीगर कार्यरत हैं। इसके अलावा एक हजार अतिरिक्त श्रमिकों की आवश्यकता जताई थी।
इसके लिए राजस्थान के बड़े वेंडरों से सम्पर्क कर उन्हें श्रमिकों की आपूर्ति की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके पहले 22 अगस्त को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के बोर्ड आफ ट्रस्टीज की बैठक में इस विषय पर गंभीरता पूर्वक चर्चा के बाद राजस्थान से श्रमिकों को बुलाने का निर्णय लिया गया था। इस बारे में तीर्थ क्षेत्र के पदेन सदस्य व भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने यह भी कहा था कि राजस्थान और अयोध्या के बीच दूरी के कारण थोड़ी दिक्कत है। इस समस्या के निवारण के लिए श्रमिकों को यहां घरेलू वातावरण उपलब्ध कराने की व्यवस्था करनी होगी। फिलहाल तीर्थ क्षेत्र की ओर से यहां पहुंचे श्रमिकों के आवास और भोजन की व्यवस्था की गयी है। तीर्थ क्षेत्र ने श्रमिकों के लिए मंदिर निर्माण से पहले ही आवास का निर्माण रामकोट क्षेत्र में पूर्व सांसद विनय कटियार के आवास के ही निकट कराया था। यहां पहुंचे श्रमिकों को इसी आवास में ठहरने का प्रबंध है।
राजस्थान की कार्यशालाओं से तराशे पत्थरों की आपूर्ति भी तेज
राम मंदिर के चारों ओर निर्माणाधीन आयताकार परकोटा का निर्माण अपनी गति से चल रहा है। यहां श्रमिकों की संख्या बढ़ने के बाद इस निर्माण की गति तेज हो गइ्र है। आठ एकड़ के निर्माणाधीन परकोटे में राम मंदिर के सापेक्ष दोगुना पत्थरों का काम है। एक अनुमान के मुताबिक इस परकोटे में करीब नौ लाख घन फुट बंशी पहाड़ पुर के लाल बलुआ पत्थरों को लगाया जाना है। राजस्थान की ही खदानों से आवश्यक पत्थरों के उपलब्ध होने के बाद इनकी तराशी का काम भी भरतपुर व सिरोही जिलों की कार्यशालाओं में चल रहा है। तराशी के बाद इन पत्थरों की लगातार आपूर्ति भी हो रही है। राम मंदिर के उत्तर दिशा का खाली प्रांगण में भारी मात्रा में तराशे पत्थरों की लाट से पूरा स्थान भर गया है। इसके कारण पत्थरों को मणि पर्वत के निकट तीर्थ क्षेत्र पुरम में भेजा जा रहा है।
दक्षिणी और उत्तरी भुजाओं पर हनुमान जी व मां अन्नपूर्णा का मंदिर भी ले रहा आकार
परकोटे के चारों कोण के अलावा दक्षिणी व उत्तरी भुजाओं के मध्य में प्रस्तावित सभी छह मंदिर पूरी तरह आकार ग्रहण कर चुके हैं। परकोटे के चारों कोण पूर्व व दक्षिण के बीच अग्निकोण में भगवान सूर्यदेव, दक्षिण व पश्चिम के बीच नैऋत्य कोण में भगवान शिव, पश्चिम व उत्तर के बीच वायव्य कोण में माता दुर्गा और उत्तर- पूर्व के बीच ईशान कोण में विघ्नहर्ता गणपति के मंदिर का निर्माण पहले शुरू किया गया था। इन मंदिरों के फाउण्डेशन के साथ प्लिंथ का निर्माण हो चुका है और चारों ओर कालम भी खड़े हो गये व छत ढालने की तैयारी चल रही है। इस बीच दक्षिणी भुजा के मध्य हनुमान जी व उतरी भुजा के मध्य में माता अन्नपूर्णा के मंदिर के कालम खड़े किए जा रहे हैं। एल एण्डटी के परियोजना निदेशक वीके मेहता ने बताया कि हनुमान जी व माता अन्नपूर्णा के मंदिर का फाउंडेशन तैयार हो गया है और प्लिंथ का निर्माण बाकी है। वहीं इन मंदिरों के चारों ओर कालम खड़े किए जा रहे हैं।