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हमने नमाजें पढ़ी हैं अक्सर, गंगा तेरे पानी से वुजू करके... इस मस्जिद के बाहर गंगाजल के टैंक खड़े

  • शुक्रवार को कोठी मीना बाजार में जल संस्थान की ओर से गंगाजल से भरे टैंकर खड़े किए गए। दोपहर 12 बजे के बाद लोगों की भीड़ गंगाजल लेने के लिए कतार में लगी थी। कोई बाल्टी, कोई डिब्बा लेकर पानी लेता दिखा। जैसे ही नमाज का वक्त करीब आया लोगों ने गंगाजल से वुजू करके नमाज अदा की।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, फहीम खान, आगराWed, 15 Jan 2025 12:25 PM
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मजहबी दीवारों के बीच कभी-कभी ऐसी तस्वीर सामने आती हैं, जिसे सुनकर दिल को सुकून मिलता है। ऐसा ही आगरा के कोठी मीना बाजार में देखने को मिल रहा है। अजमेर शरीफ से ख्वाजा मुईनउद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स में शिरकत करके लौट रहे जायरीन गंगाजल से वुजू करके नमाज अदा कर रहे हैं। इसी नजारे को देखकर नजीर बनारसी की ये लाइनें याद आ गई- सोएंगे तेरी गोद में एक दिन मरके, हम दम भी जो तोड़ेंगे तेरा दम भर के, हमने तो नमाजें भी पढ़ी हैं अक्सर, गंगा तेरे पानी से वुजू करके...।

शुक्रवार को कोठी मीना बाजार में जल संस्थान की ओर से गंगाजल से भरे टैंकर खड़े किए गए। दोपहर 12 बजे के बाद लोगों की भीड़ गंगाजल लेने के लिए कतार में लगी थी। कोई बाल्टी, कोई डिब्बा लेकर पानी लेता दिखा। जैसे ही नमाज का वक्त करीब आया लोगों ने गंगाजल से वुजू करके नमाज अदा की। कोठी मीना बाजार में जायरीन की खिदमत में लगे बज्म-ए-खुद्दाम अबुल उलाई के हाजी इलियास वारसी ने कहा कि गंगा नदी को तो बहुत पाक माना जाता है। गंगा जल से वुजू करके जायरीन नमाज अदा कर रहे हैं। ये कौमी एकता की मिसाल है।

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खिदमतगार भैया जाहिद हुसैन ने कहा कि कोठी मीना बाजार में गंगाजल की सप्लाई सिकंदरा से हो रही है। जायरीन इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। नमाज से पहले वुजू कर रहे हैं। बहुत अच्छी बात है। खानकाह कादरिया चिश्तिया नियाजिया मेवा कटरा के सैयद फैज अली शाह कहते हैं कि गंगा-यमुना के बहते पानी पर किसका नाम लिखा है। मजहब के नाम पर लोगों को लड़ाने वालों को ये बात समझनी चाहिए।

प्रयागराज-वाराणसी के लोग गंगा तो आगरा के लोग यमुना के पानी से भी वुजू करके नमाज अदा करते रहे हैं। हमारे देश में गंगा- जमुनी तहजीब की मिसाल दुनियाभर में दी जाती है। जिस गंगा के तट पर जहां भागवत कथा के बोल गूंजते हैं, वहीं कुछ दूर पर लोग गंगाजल से वुजू कर नमाज अदा की जाती है। इसी नजारे को देखकर तो नजीर बनारसी ने ऐसी शानदार गजल लिखी कि आज भी लोग गुनगुनाते हैं।

बिहार के पूर्णिया से आए जायरीन, मोहम्मद अंसार ने कहा कि हम कई सालों से यहां आ रहे है। इस बार पता चला कि गंगाजल पीने को मिल रहा है तो बहुत खुशी हुई। हमने स्नान किया। इसी गंगाजल से वुजू करके नमाज अदा करने के लिए गए। बिहार के पूर्णिया से आए जायरीन, मोहम्मद यूनुस ने कहा कि देखिए जल तो जल होता है। जैसे मुस्लिमों के लिए आब-ए- जमजम पाक होता है वैसे ही सनातन धर्म में गंगा जल को पवित्र माना जाता है। हम भी सम्मान करते हैं। आगरा आकर हमने इस पाक पानी से वुजू करके नमाज अदा की है।

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