सरकारी स्कूल में जंग! टीचरों में चले लाठी-डंडे, दहशत में बच्चे और गांव वाले बने रहे तमाशबीन
- आगरा में परिषद का प्राथमिक विद्यालय नौबरी जंग का मैदान बन गया है। सरकारी विद्यालय पर अधिकार स्थापित करने के लिए शिक्षिकाओं के सिर खून सवार है। यही कारण है कि शुक्रवार को विद्यालय में जमकर लाठी-डंडे चले।

आगरा में परिषद का प्राथमिक विद्यालय नौबरी जंग का मैदान बन गया है। सरकारी विद्यालय पर अधिकार स्थापित करने के लिए शिक्षिकाओं के सिर खून सवार है। यही कारण है कि शुक्रवार को विद्यालय में जमकर लाठी-डंडे चले। गाली-गलौज के साथ मारपीट हुई। बच्चे और ग्रामीण तमाशबीन रहे हैं। बच्चे अवसाद में तो अभिभावक परेशान हैं। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हैरत की बात है कि मामला पुलिस तक पहुंच गया, लेकिन शिक्षा विभाग के खंड शिक्षाधिकारी विद्यालय तक नहीं पहुंचे।
बता दें कि विद्यालय की हेडमास्टर रीना को जिला बेसिक शिक्षाधिकारी जितेंद्र कुमार गौड़ ने निलंबित कर दिया था। विद्यालय का चार्ज सहायक अध्यापिका पुष्पा चौहान के पास है। आरोप है कि पांच मार्च दोपहर तीन बजे के करीब निलंबित शिक्षिका रीना विद्यालय पहुंची थीं। उन्होंने विद्यालय का ताला तोड़ दिया। कुछ दस्तावेज भी निकाले। लौटते वक्त विद्यालय पर अपने साथ लाई ताला लगा गई। शुक्रवार सुबह बच्चे और अन्य शिक्षिकाएं स्कूल पहुंचीं। विद्यालय पर दूसरा ताला लटका देख दंग रह गई। ग्रामीणों ने उन्हें पूरी घटना बताई।
गुरुवार को विद्यालय नहीं खुला। कक्षाएं नहीं चलीं। एमडीएम नहीं बना। शिक्षिकाएं बाहर बैठी रहीं। इस घटना की जानकारी खंड शिक्षाधिकारी को दी गई पर वो नहीं पहुंचे। शुक्रवार सुबह इंचार्ज सहायक अध्यापिका पुष्पा चौहान, सहायक अध्यापिका कंचन सिंह और सहायक अध्यापिका नीतू बघेल फिर विद्यालय आई। उन्होंने खंड शिक्षाधिकारी के निर्देश पर विद्यालय का ताला तोड़ दिया। विद्यालय संचालित कर दिया।
आरोप है कि करीब 11:30 बजे निलंबित शिक्षिका रीना सिंह अपने पति गजेंद्र के साथ विद्यालय आ गई। उन्होंने विद्यालय खोलने को लेकर शिक्षिकाओं से गाली-गलौज करना शुरू कर दिया। पति ने भी बदसलूकी से बात की। विरोध में मामला मारपीट तक पहुंच गया। देखते ही देखते दोनों ओर से लाठी-डंडे चलने लगे। ये देख ग्रामीण मौके पर आ गए। उन्होंने वीडियो बनाना शुरू कर दिया। पूरी घटना बच्चे देख रहे थे। ग्रामीणों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।
एबीएसए की लापरवाही आई सामने
नौबरी विद्यालय में हो रही घटना की जानकारी सहायक अध्यापिका पुष्पा चौहान लगातार खंड शिक्षाधिकारी बरौली अहीर को दे रही थीं। विद्यालय में निलंबित शिक्षिका के आगमन, विद्यालय पर ताला लगाने की जानकारी तक दी गई। गुरुवार को विद्यालय नहीं खुला। ये भी उनके संज्ञान में था, लेकिन खंड शिक्षाधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे। उन्होंने शुक्रवार सुबह पुष्पा चौहान व अन्य शिक्षिकाओं को ताला तोड़ने का निर्देश दे दिया। निर्देश का उन्होंने पालन कर दिया। इस पर स्कूल में जमकर लाठी-डंडे चल गए। ग्रामीणों में रोष फैल गया। पुलिस मौके पर आ गई। थाने में तहरीर दे दी गई, लेकिन खंड शिक्षाधिकारी विद्यालय नहीं पहुंचे।
सालों पुरानी है रार बच्चे दहशत में आए
स्कूल में अधिकार जमाने की बीमारी नई नहीं है। सालों से चली आ रही है। इसका सीधा असर विद्यालयों के बच्चों पर पढ़ रहा है। विद्यालय में करीब 94 बच्चे पंजीकृत हैं। इसमें खींचतान करके 55 से 60 बच्चे पहुंचते हैं। रोज-रोज विद्यालयों में होने वाली इन घटनाओं से बच्चों पर विपरीत असर पड़ा है। इसी विवाद के चलते एक शिक्षामित्र विद्यालय से दूसरी जगह पर अटैच है। आपसी झगड़े में कई बार शिक्षिकाएं निलंबित भी हुई हैं। हेड मास्टर रीना को विगत दिनों बीएसए ने निलंबित किया है, लेकिन निलंबन अविधि के बाद भी विद्यालय का माहौल नहीं बदला है।