Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़ruckus when priest son vehicle caught doors of budhiya mai temple remained closed for 3 hours

पुजारी के बेटे की गाड़ी पकड़ने पर पुजारियों का हंगामा, 3 घंटे बंद रहे बुढ़िया माई मंदिर के पट

  • पुजारी पुत्र का वाहन पकड़ने के विरोध में गोरखपुर के कुसम्ही जंगल स्थित प्रसिद्ध बुढ़िया माई मंदिर के पुजारियों ने जमकर हंगामा किया। हंगामा और विरोध के चलते शुक्रवार को करीब 6 घंटे तक मंदिर का पट बंद रहा। अफसरों के समझाने के बाद सुबह 5 बजे खुलने वाला पट 11.30 बजे दर्शन के लिए खोला गया।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, वरिष्‍ठ संवाददाता, गोरखपुरSat, 8 March 2025 08:07 AM
share Share
Follow Us on
पुजारी के बेटे की गाड़ी पकड़ने पर पुजारियों का हंगामा, 3 घंटे बंद रहे बुढ़िया माई मंदिर के पट

पुजारी पुत्र का वाहन पकड़ने के विरोध में गोरखपुर के कुसम्ही जंगल स्थित प्रसिद्ध बुढ़िया माई मंदिर के पुजारियों ने जमकर हंगामा किया। हंगामा और विरोध के चलते शुक्रवार को करीब छह घंटे तक मंदिर का पट बंद रहा। अफसरों के समझाने के बाद सुबह 5 बजे खुलने वाला पट 11.30 बजे दर्शन के लिए खोला गया। विरोध के दौरान दुकानें भी बंद रहीं। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मामला सुलझा। दोपहर से दुकानें खुल गईं। मंदिर में पूजा-पाठ शुरू हो गया।

वन विभाग में तैनात ट्रेनी डीएफओ गुरुवार की शाम को कुसम्ही जंगल में मातहतों के साथ निरीक्षण कर रहे थे। इस दौरान वह लुप्त हो रहे पौधों को संरक्षित करने के लिए बनी नई नर्सरी का निरीक्षण करने पहुंचे। नर्सरी में पौधरोपण के लिए गड्ढे खोदे गए हैं। इसी नर्सरी के रास्ते कुछ युवा बाइक से जा रहे थे। ट्रेनी डीएफओ ने युवकों को मुख्य मार्ग से जाने को कहा पर आरोप है कि युवक नहीं माने। इस पर दो युवकों को वनकर्मियों ने बाइक के साथ पकड़ कर बैठा लिया।

पुजारी का बेटा निकला युवा

इस मामले ने तूल तब पकड़ा जब उनमें से एक बुढ़िया माई मंदिर के पुजारी का बेटा निकला। यह जानने के बाद मंदिर क्षेत्र के दुकानदार भड़क गए। वहीं, वन विभाग के अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। गुरुवार की शाम से मामले को मैनेज करने की कोशिश की जा रही थी।

ये भी पढ़ें:महाकुंभ में घटना के बाद आतंकी का पुर्तगाल भागने था प्‍लान, पासपोर्ट का दिया ठेका

मामले को दिया जा रहा था राजनीतिक रंग

गुरुवार की शाम को ही वनकर्मी पुजारी के बेटे को छोड़ने पर सहमत हो गए। शर्त यह थी कि वह एक माफीनामा लिखे। आरोप है कि पुजारी पक्ष इसके लिए भी तैयार नहीं हुआ। शुक्रवार को सुबह से ही जंगल के आसपास के ग्रामीण मंदिर के पास जुटने लगे। पुजारी के कहने पर मंदिर का ताला बंद रखा गया। उधर, दुकानदारों ने भी दुकाने बंद रखीं। कुछ राजनीतिक दल के पदाधिकारी भी पहुंच गए। इसके बाद प्रदर्शन और नारेबाजी शुरू हो गई।

अफसरों को करना पड़ा विरोध का सामना

सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। वन विभाग के अफसरों को दुकानदारों और जनता के विरोध का सामना करना पड़ा। दोनों अधिकारियों ने मंदिर के पुजारी और दुकानदारों से वार्ता की। डीएफओ विकास यादव से मोबाइल से बात कराई। डीएफओ ने आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसा कुछ नहीं होगा। इसके बाद एसडीओ ने पुजारी को साथ लेकर मंदिर का ताला खुलवाकर पूजा पाठ किया। मंदिर का कपाट खुलने के बाद दुकानदारों ने अपनी दुकानें खोल लीं।

ये भी पढ़ें:प्राइमरी शिक्षकों के प्रमोशन की उम्‍मीद जगी, सुप्रीम कोर्ट सुलझाएगी TET का विवाद

क्‍या बोले पुजारी

बुढ़िया माई मंदिर के पुजारी रामानंद ने कहा कि ब्रिटिश ज़माने का मंदिर है। आज तक किसी अधिकारी ने आने-जाने से रोका नहीं था। अधिकारी से सिफारिश की गई कि साहब छोड़ दीजिए, लेकिन उसके बाद भी गाड़ी उठा ले गए, हम लोग सबकी इज्जत करते हैं, लेकिन अधिकारी ने किसी की बात नहीं सुनी।

क्‍या बोले डीएफओ

डीएफओ विकास यादव ने कहा कि पगडंडी के रास्ते को लेकर विवाद था। वह सरकारी जमीन है। बातचीत से मामले को सुलझा लिया गया है। अब किसी तरह का कोई विवाद नहीं है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।