कंबोडिया में ट्रेनिंग, यूपी में ठगी; डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर लाखों ठगने वाले 3 साइबर अपराधी गिरफ्तार
एसटीएफ ने लखनऊ के डॉ. अशोक सोलंकी को डिजिटल अरेस्ट कर 48 लाख रुपये हड़पने वाले गिरोह के तीन और सदस्यों को आगरा एक्सप्रेसवे के पास गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने बताया कि उनकी ट्रेनिंग कंबोडिया में हुई थी।
एसटीएफ ने लखनऊ के अलीगंज के डॉ. अशोक सोलंकी को डिजिटल अरेस्ट कर 48 लाख रुपये हड़पने वाले गिरोह के तीन और सदस्यों को आगरा एक्सप्रेसवे के पास गिरफ्तार कर लिया है। इन तीनों के पास सिर्फ 380 रुपये ही बरामद हुए हैं। इस मामले में सात आरोपित पहले ही पकड़े जा चुके थे। इसमें अब तक 10 आरोपी जेल जा चुके हैं। ये सब खुद को सीबीआई व एसटीएफ के अधिकारी बताकर झांसे में लेते थे।
एसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि पकड़े गए साइबर अपराधियों में रनहौला दिल्ली निवासी श्याम, शहदरा निवासी हर्षल और गांधीनगर निवासी पुनीत शर्मा हैं। इनके पास छह क्रेडिट कार्ड, ठगी के ब्योरे वाले व्हाटसएप के 111 पेज भी बरामद हुए हैं। इन लोगों ने अलीगंज के डॉ. अशोक सोलंकी को दो दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर रुपये हड़पे थे। 14 नवम्बर को एसटीएफ ने गुरुग्राम के होटल द शान से पांच और 16 नवम्बर को लखनऊ से दो आरोपितों को गिरफ्तार किया था।
आरोपी श्याम फरवरी 2024 में करन उर्फ नागेश के सम्पर्क में आया था। नागेश ने व्हाटसअप काल के जरिए गेमिंग, स्केमिंग, मिक्सिंग व स्टाक पर काम करने वालों का पूरा ब्योरा भी एसटीएफ को दिया। उसने बताया कि गेमिंग पर दो प्रतिशत, स्टाक पर पांच प्रतिशत, मिक्सिंग पर 10 प्रतिशत व स्कैमिंग में 30 प्रतिशत का कमीशन मिलता था। ये लोग कार्पोरेट एकाउन्ट खोजने के लिए दोस्त हर्षल, पुनीत शर्मा उर्फ गगन और राजकुमार की मदद लेते थे। राजकुमार कार्पोरेट एकाउंट उपलब्ध कराता था।
बैंक एकाउंट होल्डर की भूमिका भी अहम थी
एसटीएफ के एएसपी ने बताया कि ये लोग एकाउंट की किट नागेश को भेजते थे। नागेश किट मिलने के बाद बैंक एकाउंट में बेनीफिशरी जोड़ने के लिए एपीके फाइल प्राप्त कर लेता था। यह फाइल बैंक एकाउंट होल्डर के मोबाइल में डाउनलोड करा दी जाती थी। फिर बैंक एकाउण्ट होल्डर के साथ गिरोह के दो सदस्य होटल में रूक जाते थे। इससे धोखाधड़ी की रकम खातों में जाते समय एकाउंट होल्डर कहीं जा नहीं पाता था और खातों में आने वाली रकम होल्ड नहीं हो पाती थी।
कम्बोडिया में हुई ट्रेनिंग में सब सिखाया गया
अन्य सदस्यों की तरह इन तीनों आरोपितों ने भी एसटीएफ को बताया कि सरगना पंकज सुरैला कम्बोडिया से डिजिटल अरेस्ट की ट्रेनिंग लेकर भारत आया था। वहां उसे कई तकनीक बताई गई थी। कम्बोडिया में रहने वाला सुरेश सैन इन सबको ट्रेनिंग देता था। वहां चीन के लोग पूरा आपरेशन आपरेट करते थे। बैंक खातों में जैसे ही रुपये आते थे, उस रकम को नागेश व सुनील पहले से जोड़े गए खातों में चार-पांच बार में ट्रांसफर कर देते थे।
केरल, दिल्ली और जयपुर में ठगी की
इस गिरोह के सदस्यों ने अगस्त में नोएडा के सेक्टर-52 में एक होटल से आईसीआइसीआई बैक के कार्पोरेट एकाउन्ट में आठ करोड़ रुपये की ठगी की थी। सितम्बर में केवीवी बैंक के कार्पोरेट एकाउन्ट में जयपुर से डेढ़ करोड़ रुपये ठगे थे। नवम्बर में दिल्ली मोहन गार्डेन स्थित केनरा बैंक के खाते से डेढ़ करोड़ रुपये हड़पे थे। इसके अलावा नवम्बर में केरल में यस बैंक के खाते में तीन करोड़ रुपये की ठगी कर ली थी। ये लोग क्रिप्टो करेंसी में बदलकर अपने साथियों को उनका हिस्सा भेजते थे।